Move to Jagran APP

संसाधनों का रोना छोड़ स्टार परफॉर्मर बनाने पर जोर Moradabad news

प्राथमिक स्कूल जिसका नाम आते ही हर कोई वहां की बेहतर शिक्षा व्यवस्था की तारीफ करता है। प्राथमिक स्कूलों की बुनियादी सुविधा और शिक्षा के स्तर में सुधार पर लंबी बहस जारी है

By Narendra KumarEdited By: Published: Tue, 30 Jul 2019 07:10 AM (IST)Updated: Tue, 30 Jul 2019 07:10 AM (IST)
संसाधनों का रोना छोड़ स्टार परफॉर्मर बनाने पर जोर Moradabad news
संसाधनों का रोना छोड़ स्टार परफॉर्मर बनाने पर जोर Moradabad news

अनुज मिश्र, मुरादाबाद

loksabha election banner

एक ऐसा प्राथमिक स्कूल, जिसका नाम आते ही हर कोई वहां की बेहतर शिक्षा व्यवस्था की तारीफ करता है। प्राथमिक स्कूलों की बुनियादी सुविधा और शिक्षा के स्तर में सुधार पर लंबी बहस जारी है। इसके इतर, कुछ शिक्षक ऐसे भी हैं जो सरकारी संसाधनों का रोना नहीं रोते हैं और शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने पर पूरा जोर रहता है। उन्हीं में से एक शिक्षिका हैं अनीता रानी, जिनका बच्चों को स्टार परफॉर्मर बनाने पर पूरा जोर है।

डिलारी ब्लाक के प्राथमिक स्कूल मंझोली की प्रधानाध्यपिका अनीता रानी की पहल से आज स्कूल के बच्चे कान्वेंट स्कूलों के बच्चों से कंपटीशन का माद्दा रखते हैं। पारंपरिक पढ़ाई के तरीकों में बदलाव कर प्रधानाध्यापिका बच्चों को कान्वेंट स्कूलों की तर्ज पर शिक्षा दे रही हैं। स्कूल में सिर्फ किताबी ज्ञान नहीं दिया जाता। सांस्कृतिक गतिविधियों, खेल, सामान्य ज्ञान की शिक्षा के साथ-साथ हर महीने पैरेंट्स टीचर मीटिंग होती है। ऐसे में जहां पढ़ाई के प्रति बच्चों का रुझान बढ़ रहा है, वहीं बच्चों के माता-पिता भी उत्साहित हैं।

बच्चे मिलकर तैयार करते हैं बाल अखबार

बच्चों के मानसिक विकास के लिए एक और पहल की गई है, यहां के बच्चे आसपास की जो चीजें देखते हैं उसे आकर अपने शब्दों में लिखते हैं। सभी के लेख को तैयार किया जाता है। जिसके बाद पंख नाम का बाल अखबार तैयार होता है। यह अखबार चार्ट पर तैयार होता है। अखबार स्कूल में संजो कर रखे जा रहे हैं। 

बढ़ गई बच्चों की संख्या

स्कूल में कभी बच्चों की संख्या ज्यादातर पचास से साठ के बीच ही रहती थी। इस पहल के बाद वर्तमान में बच्चों की संख्या 79 है। अनीता रानी का कहना है कि ज्यादातर बच्चे नियमित रूप से आ रहे हैं। उनका कहना है कि बच्चों को बेहतर शिक्षा मिले, यह हमेशा से सोचती थी। लिहाजा कार्य शुरू किया, नतीजा सामने है। इस कार्य से खुशी मिलती है। अतिरिक्त गतिविधि में आने वाले खर्च का वह स्वयं वहन करती हैं।

अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.