आजम खां के खिलाफ जांच को पहुंची टीम के समक्ष नेताओं ने दर्ज कराए बयान
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By RashidEdited By: Published: Sun, 09 Dec 2018 10:13 AM (IST)Updated: Sun, 09 Dec 2018 10:13 AM (IST)
रामपुर : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां के खिलाफ जांच करने आई एसआइटी शनिवार को लखनऊ लौट गई। टीम ने आखिरी दिन पांच नेताओं के भी बयान दर्ज किए। इन सभी ने अपने बयानों में आजम खां पर सरकारी धन का दुरुपयोग करने और जमीने कब्जाने के आरोप लगाए। टीम ने अधिकारियों के भी बयान लिए। इन अधिकारियों को अभिलेखों के साथ लखनऊ बुलाया जाएगा। अधिकारियों और शिकायतकर्ताओं समेत कुल 35 लोगों के बयान दर्ज हुए हैं।
सरकार ने चार माह पहले दिए थे जांच के आदेश
मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी और मौलाना मोहम्मद अली जौहर शोध संस्थान की इमारत समेत कई मुद्दों को लेकर सरकार ने चार माह पहले एसआइटी जांच के आदेश दिए थे, लेकिन एसआइटी अब जांच के लिए आई। चार दिन टीम ने रामपुर में रहकर जांच पड़ताल की। जौहर शोध संस्थान और यूनिवर्सिटी में जाकर भी निरीक्षण किया। अधिकारियों और शिकायतकर्ताओं के भी बयान लिए। फिलहाल टीम शनिवार शाम लखनऊ चली गई, लेकिन जरूरत पडऩे पर फिर आएगी। आखिरी दिन विभिन्न पार्टियों के नेताओं ने एसआइटी के जांच अधिकारी अशोक यादव के समक्ष बयान दर्ज कराए। भारतीय जनता पार्टी लघु उद्योग प्रकोष्ठ के पश्चिमी उत्तर प्रदेश संयोजक आकाश सक्सैना ने बयान देने के साथ ही साक्ष्य भी उपलब्ध कराए। उन्होने जौहर यूनिवर्सिटी में कस्टोडियन की जमीन, चकरोड व दलितों की जमीन, गेस्ट हाउस, सड़कें, टंकी, उर्दू गेट, शोध संस्थान के बारे में साक्ष्य पेश करते हुए कहा कि आजम खां ने सरकारी पैसे को प्राइवेट यूनिवर्सिटी में लगाया और जमीनों पर कब्जा किया।
कांग्रेस नेता ने भी दर्ज कराए बयान
कांग्रेस नेता फैसल लाला ने भी एसआइटी को बयान दिए। उन्होंने कहा कि आजम खां ने अपनी पत्नी राज्यसभा सदस्य तजीन फात्मा और मुनव्वर सलीम की सांसद निधि का पैसा अपनी प्राइवेट यूनिवर्सिटी में लगाया। उन्होने मंत्री रहते अपने पद का दुरुपयोग किया है। भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के प्रदेश कोषाध्यक्ष भारत भूषण गुप्ता और भाजपा के नगराध्यक्ष प्रभात अग्रवाल ने भी ने एसआइटी को बयान दर्ज कराए। श्री गुप्ता ने कहा है कि सपा शासनकाल में आजम खां ने मंत्री रहते अपने प्रभाव का दुरुपयोग करते हुए सरकारी धन को अपनी निजी यूनिवर्सिटी में लगाया और सरकारी संपत्तियों को नियम विरुद्ध तरीके से अपने निजी संस्थाओं के नाम अनुबंध करा लिया। कहा कि नगर पालिका के सरकारी धन का प्रयोग मौलाना मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी में किया गया, जबकि यूनिवर्सिटी नगर क्षेत्र में नहीं आती। नगर पालिका द्वारा सीवरेज सिस्टम, लाइटें, खंभे, पानी की टंकी, नगर पालिका कर्मचारियों का उपयोग आदि नियम विरुद्ध तरीके से किया है। तोपखाना रोड स्थित अरबों रुपये का शिक्षा विभाग का कार्यालय नियम विरुद्ध तरीके से जौहर ट्रस्ट के नाम करा लिया, जिस पर रामपुर पब्लिक स्कूल संचालित है, एक हिस्से में इस भवन को तोड़कर सपा कार्यालय भवन बना लिया गया है, जोकि नियम विरुद्ध है। लालपुर डैम को नियम विरुद्ध तरीके से सपा शासनकाल में तुड़वाकर उसका अधिकांश लोहा व मलबा गलत तरीके से रख लिया और आंशिक भाग ही ङ्क्षसचाई विभाग के सुपुर्द किया गया।
लेखपालों के खिलाफ भी एसआइटी जांच
पूर्व मंत्री हाजी निसार हुसैन के पुत्र मुस्तफा हुसैन ने लेखपालों द्वारा किसानों का शोषण करने और आय से अधिक संपत्ति के संबंध में राज्य मंत्री बलदेव ङ्क्षसह औलख से शिकायत की थी, जिस पर मुख्यमंत्री ने एसआईटी के आदेश दिए हैं। इस मामले में भी मुस्तफा हुसैन ने एसआईटी को बयान दर्ज कराए। एसआईटी के जांच अधिकारी ने शनिवार को बयान देने के लिए मुस्तफा हुसैन को बुलाया। उन्होने अपने बयान दर्ज करवाते हुए कहा कि रामपुर जनपद में लेखपालों द्वारा किसानों का उत्पीडऩ किया जाता रहा है। कुछ लेखपाल बिना पैसे लिए किसी भी गरीब किसान का काम नहीं करते हैं, जमीन की पैमाइश, आय प्रमाण पत्र, खतौनी की प्रति, खसरा, वारिसानों के नाम दर्ज कराने के नाम पर किसानों से जबरन वसूली की जाती है। यदि कोई किसान विरोध करता है, तो उस किसान से तहसील के इतने चक्कर लगाते हैं, कि किसान का भरपूर मानसिक उत्पीडऩ हो सके। यही कारण है कि रामपुर जनपद के लेखपालों द्वारा आय से अधिक संपत्ति अर्जित कर ली गई है। उनके पास बड़ी-बड़ी कोठियां बड़ी-बड़ी गाडिय़ां हैं, तथा उनके परिवार के सदस्यों के नाम प्लॉट व भूमि की गई है। लेखपालों की पत्नियों के नाम शराब की दुकानें भी आवंटन हो चुकी हैं। लेखपालों द्वारा ग्राम समाज व तालाब की भूमियों का पट्टा नियम विरुद्ध तरीके से भू माफियाओं के नाम किया।
सरकार ने चार माह पहले दिए थे जांच के आदेश
मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी और मौलाना मोहम्मद अली जौहर शोध संस्थान की इमारत समेत कई मुद्दों को लेकर सरकार ने चार माह पहले एसआइटी जांच के आदेश दिए थे, लेकिन एसआइटी अब जांच के लिए आई। चार दिन टीम ने रामपुर में रहकर जांच पड़ताल की। जौहर शोध संस्थान और यूनिवर्सिटी में जाकर भी निरीक्षण किया। अधिकारियों और शिकायतकर्ताओं के भी बयान लिए। फिलहाल टीम शनिवार शाम लखनऊ चली गई, लेकिन जरूरत पडऩे पर फिर आएगी। आखिरी दिन विभिन्न पार्टियों के नेताओं ने एसआइटी के जांच अधिकारी अशोक यादव के समक्ष बयान दर्ज कराए। भारतीय जनता पार्टी लघु उद्योग प्रकोष्ठ के पश्चिमी उत्तर प्रदेश संयोजक आकाश सक्सैना ने बयान देने के साथ ही साक्ष्य भी उपलब्ध कराए। उन्होने जौहर यूनिवर्सिटी में कस्टोडियन की जमीन, चकरोड व दलितों की जमीन, गेस्ट हाउस, सड़कें, टंकी, उर्दू गेट, शोध संस्थान के बारे में साक्ष्य पेश करते हुए कहा कि आजम खां ने सरकारी पैसे को प्राइवेट यूनिवर्सिटी में लगाया और जमीनों पर कब्जा किया।
कांग्रेस नेता ने भी दर्ज कराए बयान
कांग्रेस नेता फैसल लाला ने भी एसआइटी को बयान दिए। उन्होंने कहा कि आजम खां ने अपनी पत्नी राज्यसभा सदस्य तजीन फात्मा और मुनव्वर सलीम की सांसद निधि का पैसा अपनी प्राइवेट यूनिवर्सिटी में लगाया। उन्होने मंत्री रहते अपने पद का दुरुपयोग किया है। भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के प्रदेश कोषाध्यक्ष भारत भूषण गुप्ता और भाजपा के नगराध्यक्ष प्रभात अग्रवाल ने भी ने एसआइटी को बयान दर्ज कराए। श्री गुप्ता ने कहा है कि सपा शासनकाल में आजम खां ने मंत्री रहते अपने प्रभाव का दुरुपयोग करते हुए सरकारी धन को अपनी निजी यूनिवर्सिटी में लगाया और सरकारी संपत्तियों को नियम विरुद्ध तरीके से अपने निजी संस्थाओं के नाम अनुबंध करा लिया। कहा कि नगर पालिका के सरकारी धन का प्रयोग मौलाना मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी में किया गया, जबकि यूनिवर्सिटी नगर क्षेत्र में नहीं आती। नगर पालिका द्वारा सीवरेज सिस्टम, लाइटें, खंभे, पानी की टंकी, नगर पालिका कर्मचारियों का उपयोग आदि नियम विरुद्ध तरीके से किया है। तोपखाना रोड स्थित अरबों रुपये का शिक्षा विभाग का कार्यालय नियम विरुद्ध तरीके से जौहर ट्रस्ट के नाम करा लिया, जिस पर रामपुर पब्लिक स्कूल संचालित है, एक हिस्से में इस भवन को तोड़कर सपा कार्यालय भवन बना लिया गया है, जोकि नियम विरुद्ध है। लालपुर डैम को नियम विरुद्ध तरीके से सपा शासनकाल में तुड़वाकर उसका अधिकांश लोहा व मलबा गलत तरीके से रख लिया और आंशिक भाग ही ङ्क्षसचाई विभाग के सुपुर्द किया गया।
लेखपालों के खिलाफ भी एसआइटी जांच
पूर्व मंत्री हाजी निसार हुसैन के पुत्र मुस्तफा हुसैन ने लेखपालों द्वारा किसानों का शोषण करने और आय से अधिक संपत्ति के संबंध में राज्य मंत्री बलदेव ङ्क्षसह औलख से शिकायत की थी, जिस पर मुख्यमंत्री ने एसआईटी के आदेश दिए हैं। इस मामले में भी मुस्तफा हुसैन ने एसआईटी को बयान दर्ज कराए। एसआईटी के जांच अधिकारी ने शनिवार को बयान देने के लिए मुस्तफा हुसैन को बुलाया। उन्होने अपने बयान दर्ज करवाते हुए कहा कि रामपुर जनपद में लेखपालों द्वारा किसानों का उत्पीडऩ किया जाता रहा है। कुछ लेखपाल बिना पैसे लिए किसी भी गरीब किसान का काम नहीं करते हैं, जमीन की पैमाइश, आय प्रमाण पत्र, खतौनी की प्रति, खसरा, वारिसानों के नाम दर्ज कराने के नाम पर किसानों से जबरन वसूली की जाती है। यदि कोई किसान विरोध करता है, तो उस किसान से तहसील के इतने चक्कर लगाते हैं, कि किसान का भरपूर मानसिक उत्पीडऩ हो सके। यही कारण है कि रामपुर जनपद के लेखपालों द्वारा आय से अधिक संपत्ति अर्जित कर ली गई है। उनके पास बड़ी-बड़ी कोठियां बड़ी-बड़ी गाडिय़ां हैं, तथा उनके परिवार के सदस्यों के नाम प्लॉट व भूमि की गई है। लेखपालों की पत्नियों के नाम शराब की दुकानें भी आवंटन हो चुकी हैं। लेखपालों द्वारा ग्राम समाज व तालाब की भूमियों का पट्टा नियम विरुद्ध तरीके से भू माफियाओं के नाम किया।
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