बहुत लंबे हैं कानून के हाथ, शिकंजे में फंस रहे रामपुरी खां साहब के चेले
एक समय में रुतबे में रहने वाले आजम खां के शिष्यों की परेशानी अब बढ़ने लगी है। लगातार कानून का शिकंजा उन पर कसता जा रहा है । वे अब बचने की फिराक में हैं।
रामपुर (मुस्लेमीन)। कानून के हाथ बहुत लंबे होते हैं, यह बात रामपुरी खां साहब के चेलों पर सटीक बैठ रही है। चेलों ने यह सोचा भी नहीं होगा कि वे इतनी बुरी तरह कानून के शिकंजे में फंस जाएंगे। खां साहब के साथ उनके चेलों को भी मुकदमों में नामजद किया गया। लेकिन, कई चेले ऐसे हैं, जिनका नाम रिपोर्ट में नहीं था, फिर भी वे जेल जा रहे हैं। दरअसल पुलिस की जांच पड़ताल में इनके नाम सामने आ रहे हैं। एक करीबी चेले को तो फर्जी वक्फनामा लिखने के आरोप में जेल भेजा गया है। इनका नाम रिपोर्ट में नहीं था। लेकिन, इस मामले में चंद रोज पहले जेल गए एक रिटायर्ड अफसर ने उनके बारे में सब कुछ बता दिया। इसी तरह खां साहब की बेगम के नाम जमीन आवंटित करने के आरोप में में भी कई ऐसे लोग जेल गए हैं, जिनका रिपोर्ट में नाम नहीं था।
जांच अभी जारी है
हाईवे किनारे के थाने वाले मंडल के बड़े साहब के निशाने पर आ गए। कोतवाल साहब और चौकी इंचार्ज तो नप गए। अभी और भी कई वर्दी वाले फंस सकते हैं। दरअसल 25 हजार लीटर अल्कोहल बरामद होने के मामले को साहब ने गंभीरता से लिया है। इस मामले में वर्दी वालों की मिलीभगत होने की बात सामने आई थी। इस पर मंडल के बड़े साहब ने पड़ोसी जिले के कप्तान को जांच सौंप दी और खुद भी मंडल के तमाम अधिकारियों को साथ लेकर घटनास्थल पर पहुंच गए। इसके बाद कप्तान ने कोतवाल साहब को लाइन हाजिर कर दिया और चौकी इंचार्ज को भी हटा दिया। लेकिन, जांच अभी जारी है और कई पुलिस वालों के नाम सामने आ रहे हैं। ये वर्दी वाले माफिया से फोन पर बात करते रहे हैं, जांच में अगर यह बात साबित हो जाती है तो इनपर भी गाज गिरना तय माना जा रहा है।
साहब का खेल हुआ फेल
घपलेबाजी में फंसे खनन इलाके के प्रधान को बचाने में साहब ने पूरी ताकत झोक दी। तहरीर में प्रधान के बजाय उनके प्रतिनिधि का नाम दे दिया। तहरीर देखकर वर्दी वाले भी दंग रह गए। लेकिन, रिपोर्ट दर्ज होने से पहले ही मामला मीडिया के संज्ञान में आ गया और फिर आला अफसरों तक पहुंच गया। बड़े साहब को जब साहब की करतूत का पता चला तो उन्होंने जमकर क्लास लगाई। इसके बाद आनन फानन में तहरीर बदल दी गई और प्रतिनिधि के बजाय प्रधान का ही नाम रिपोर्ट में शामिल हो गया। इस तरह रिपोर्ट दर्ज कराने वाले साहब का खेल ही फेल हो गया। चर्चा है कि इसके लिए साहब को खूब मेवा मिलने वाली थी। अब अगर इसकी जांच हो जाए तो साहब ने जो थोड़ी बहुत मेवा खाई है, वह भी उगलनी पड़ सकती है। इस काम में साहब के चेले भी शामिल बताए जा रहे हैं।
डाक्टरों में मच गया हड़कंप
नवाबों के शहर में जाने-माने डक्टर की कोरोना से मौत के बाद तमाम डाक्टरों में हड़कंप मच गया है। अब वे मरीजों को देखने में विशेष सावधानी बरत रहे हैं। कह रहे हैं जान है तो जहान है। कोरोना को लेकर सरकारी अमला सबसे ज्यादा सतर्कता बरत रहा है। दरअसल जिले में कई अधिकारियों समेत तीन दर्जन से ज्यादा कर्मचारी इसकी चपेट में आ चुके हैं। अफसरों के घरों और दफ्तरों तक कोरोना पहुंच चुका है। इससे घबराए अफसर अब आम आदमी की फरियाद भी पहले सैनिटाइज कराते हैं, उसके बाद ही हाथ लगाते हैं। सरकारी कर्मचारियों की परेशानी का सबब ऐसे लोग भी हैं जो कोरोना को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। मास्क भी नहीं लगा रहे। अधिकारी और कर्मचारी बाजारों में निरीक्षण करने निकलते हैं तो ऐसे लोगों के संपर्क में भी आते हैं जो कोरोना को लेकर जारी गाइडलाइन का पालन ठीक से नहीं कर रहे हैं।