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रेल यात्रियों को दुर्घटना से बचाएगी दरवाजों पर लगी लेजर लाइट

बोगी के दरवाजों पर बस छोटी बिंदी के आकार जैसी लेजर डिवाइस लगाई जाएंगी, जो सेंसर से जुड़ी होंगी। इनसे निकलने वाली पतली बीमनुमा नीली लाइट सचेतक का काम करेगी।

By Narendra KumarEdited By: Published: Tue, 12 Feb 2019 02:31 AM (IST)Updated: Tue, 12 Feb 2019 11:08 AM (IST)
रेल यात्रियों को दुर्घटना से बचाएगी दरवाजों पर लगी लेजर लाइट
रेल यात्रियों को दुर्घटना से बचाएगी दरवाजों पर लगी लेजर लाइट

मुरादाबाद(प्रदीप चौरसिया)। यात्री ट्रेन की बोगियों के दरवाजों पर नीली लेजर लाइट लगाई जा रही है। यह ट्रेन छूटने का संकेत तो देगी ही साथ ही गेट पर खड़े-बैठे या चलती ट्रेन पर चढऩे या उतरने वालों को भी सावधान करेगी। बोगी के दरवाजों पर बस छोटी बिंदी के आकार जैसी लेजर डिवाइस लगाई जाएंगी, जो सेंसर से जुड़ी होंगी। इनसे निकलने वाली पतली बीमनुमा नीली लाइट सचेतक का काम करेगी।

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जगह न मिलने पर दरवाजों पर बैठ जाते हैं यात्री

दरअसल ज्यादातर ट्रेनों में लोग जगह नहीं मिलने पर दरवाजे पर बैठकर यात्रा करते हैं। ऐसी स्थिति में उनके हादसे का शिकार होकर जान गंवाने की संभावना बढ़ जाती है। चलती ट्रेन में चढऩे या उतरने के प्रयास में भी लोग दुर्घटना का शिकार होते हैं। ये लेजर लाइट ऐसे हादसे रोकने का काम करेगी।

डिवाइस को कोच के बाहर लगाया जाएगा

नीली लेजर लाइट फेंकने वाली डिवाइस को कोच के बाहर गेट के पास लगाया जाएगा। चालक और गार्ड से ट्रेन चलने का सिग्नल मिलते ही लेजर लाइट जल जाएगी और दरवाजे पर पहरेनुमा आवरण बना देगी। इससे सभी दरवाजे नीले रंग की लाइननुमा रोशनी से जगमगाने लगेंगे। तब प्लेटफार्म पर उतरे या ट्रेन में चढऩे जा रहे यात्री समझ जाएंगे कि सिग्नल हो गया है और ट्रेन चलने वाली है। लाइट जलने के एक मिनट बाद ट्रेन चल देगी।

चलती ट्रेन पर न चढऩे का मिलेगा संकेत

लाइट से बनी रेखा यात्रियों को चलती ट्रेन पर नहीं चढऩे का संकेत देगी। इसके अलावा चलती ट्रेन में दरवाजे पर बैठकर या लटक कर सफर करने पर या चलती ट्रेन से उतरने का प्रयास करने पर भी नीली लाइट दरवाजे पर मौजूद उस यात्री के इर्द-गिर्द चमक उठेगी, जिससे वह सचेत हो सकेगा और खुद ही दरवाजे से हट अंदर चला जाएगा।

हर साल 60 हजार यात्रियों की होती है मौत

रेलवे के मुताबिक हर साल देश भर में 60 हजार यात्रियों की ट्रेन से गिर कर मौत हो जाती है। इसमें 30 फीसद यात्रियों की मौत चलती हुई ट्रेन में चढऩे के दौरान गिरने से होती है। बाकी की गेट पर बैठ कर सफर करने के दौरान धक्का लगने या झपकी आने पर गिरने के कारण होती है। 50 फीसद यात्रियों की शिनाख्त तक नहीं हो पाती है। मुरादाबाद रेल मंडल के मुताबिक यहां वर्ष 2018 में 612 यात्रियों की दरवाजे पर बैठकर, दरवाजे पर लटक कर या चलती ट्रेन में चढऩे के दौरान गिर कर मौत हो चुकी है।

जल्द ही शुरू होगा कार्य

चलती ट्रेन में चढऩे और लटक कर सफर करने वाले यात्रियों को रोकने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। लेकिन इसमें अपेक्षित सफलता नहीं मिली है। इसके लिए अब नीली लेजर लाइट का प्रयोग किया जाएगा। रेलवे पायलट प्रोजेक्ट के तहत कुछ ट्रेनों में इस तरह की लाइट लगाने जा रहा है। जल्द ही इस पर काम शुरू हो जाएगा।

- अजय कुमार सिंघल, मंडल रेल प्रबंधक, मुरादाबाद, उप्र


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