Janmashtami Festivals : दो दिन मनेगी कृष्ण जन्माष्टमी, पूजा के लिए यह रहेगा उपयुक्त समय
11 अगस्त को गृहस्थ व 12 अगस्त को वैष्णव लोग मनाएंगे श्री कृष्ण जन्मोत्सव। 11 अगस्त को 908 मिनट से अष्टमी लगेगी और अगले दिन 1117 मिनट तक रहेगी।
मुरादाबाद, जेएनएन। श्री कृष्ण जन्माष्टमी 11 अगस्त को अष्टमी तिथि पर मनाई जाएगी। इस बार अष्टमी व रोहिणी नक्षत्र एक दिन नहीं हैं, जिस कारण जन्म की तिथि व नक्षत्र एक साथ नहीं मिल रहे हैं। गृहस्थी यानि आम आदमी 11 अगस्त को अष्टमी के दिन व वैष्णव यानि साधु संत 12 अगस्त को श्री कृष्ण जन्मोत्सव मनाएंगे। भाद्रपक्ष मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन रोहिणी नक्षत्र में भगवान विष्णु के आठवें अवतार कृष्ण का जन्म हुआ था। 11 अगस्त दिन मंगलवार को सुबह 9:08 मिनट से अष्टमी तिथि का आरंभ होगा जो 12 अगस्त को दोपहर 11:17 मिनट तक रहेगी। वहीं रोहिणी नक्षत्र का आरंभ 13 अगस्त को सुबह 03 बजकर 27 मिनट से शुरू होगा। लेकिन पंचांग के अनुसार गृहस्थ लोग अष्टमी तिथि के दिन ही श्री कृष्ण जन्मोत्सव मनाएंगे।
पूजा का समय
भगवान श्रीकृष्ण की पूजा का समय 11 अगस्त को रात्रि 11 बजकर 55 मिनट से लेकर 12:47 मिनट तक रहेगा। मंदिर के बजाए घरों में गृहस्थ लोग श्री कृष्ण जन्मोत्सव मनाएंगे।
इस बार अष्टमी व रोहिणी नक्षत्र एक साथ नहीं हैं। गृहस्थ लोग अष्टमी के दिन 11 अगस्त को श्री कृष्ण जन्मोत्सव मनाएंगे जबकि वैष्णव 12 अगस्त को मनाएंगे।
पंडित सुरेंद्र शर्मा, हरि ज्योतिष संस्थान, माता मंदिर
अष्टमी के दिन श्री कृष्ण जन्मे थे। पंचांग के अनुसार अष्टमी 11 अगस्त को है। इस कारण 11 अगस्त को गृहस्थ लोग जन्माष्टमी मनाएंगे। 12 अगस्त को नंदोत्सव होगा।
पंडित सतीश उनियाल, श्री शिव मंदिर, रेलवे कालोनी।
भक्तों का उल्लास बरकरार
वैसे तो कोरोनो महामारी का असर इस बार हर बाजार पर है लेकिन बावजूद इसके कान्हा के भक्तों का उल्लास कम होने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले कई दिनों से बाजारों से कान्हा के लिए कपड़े, झूले आदि खरीदने के िलिए भक्त पहुंच रहे हैं। हॉटस्पॉट वाले मंदिरों के बाहर आयोजन की भी तैयारियां जोरों पर चल रहीं हैं।