जानिए रंजीत कौर को लोग क्यों कहते हैं राशन कार्ड और रसोई गैस वाली दीदी Amroha news
सुबह से ही कटघर के विजयनगर के एक घर पर महिलाओं की भीड़ जुटने लगती है।
आशुतोष मिश्र, (मुरादाबाद) : सुबह से ही कटघर के विजयनगर के एक घर पर महिलाओं की भीड़ जुटने लगती है। रसोई गैस का कनेक्शन नहीं मिला, कोटेदार मेरी परेशानी नहीं सुनता और कैसे होगा राशन कार्ड बनवाने का आवेदन? सरीखे अनगिनत सवाल इनके दरवाजे से हल होते हैं। अगर किसी कर्मचारी ने बात नहीं सुनी और सरकारी योजनाओं को लेकर गुमराह किया तो समझो घर की मालकिन और सबकी दीदी की स्कूटी तैयार है।
लखनऊ में पढ़ाई के दौरान मिली प्रेरणा
यह हालात-ए-हाजरा है रंजीत कौर के घर का। रंजीत को करीब नौ साल पहले गरीब जनकल्याण समिति गोविंद नगर में जुडऩे का मौका मिला। रंजीत को इस बात की प्रेरणा लखनऊ में पढ़ाई के दौरान मिली। वहां के कृष्णा कालेज से निकलने के बाद रंजीत ब्याह कर मुरादाबाद आ गईं।
रोटी की जंग लडऩे वालों के काम को बनाया मन
रोटी की जंग लडऩे वालों के लिए काम करने का मन बना लिया। सार्वजनिक वितरण प्रणाली, शिक्षा, सेहत, दिव्यांग और आवास विकास योजना को लेकर लोगों में जनजागरण करने में जुट गईं। इसके लिए उनकी स्कूटर हमेशा तैयार रहती है।मुहल्ले में राशन कार्ड के लिए परेशान कमलेश, लक्ष्मी देवी, शकुंतला और गोविंद की दिक्कत को अपना काम समझा। राशन कार्ड बनाने के नाम पर वसूली करने वालों के खिलाफ मोर्चा लिया।
राशन कार्ड बनवाने को भरवाए फार्म
दो साल पहले कटघर, लाजपतनगर, कांशीराम नगर, हिमगिरी कालोनी के बाद सोनकपुर इलाके तक पहुंचीं। राशन कार्ड बनवाने के लिए परेशान लोगों के फार्म भरवाए। आपूर्ति विभाग, डूडा और दिव्यांगजन कल्याण विभाग में जाकर लोगों की मदद की। अब इस तरह का काम रंजीत के सुकून का जरिया बन चुका है।
दलाली करने वालों के खिलाफ लोगों को किया जागरूक
रंजीत कहती हैं कि राशन कार्ड बनवाने में दलाली करने वालों के खिलाफ लोगों को जागरूक किया। फार्म की जांच और डिजिटल साइन के नाम पर लोगों को परेशान करने वालों की विभाग में शिकायत की। हाल के दिनों में 60 लोगों के राशन कार्ड और 25 से अधिक लोगों के नाम गैस का कनेक्शन जारी कराया है।
रंजीत को अच्छा लगता है जरूरतमंदों की मदद करना
भूखे को रोटी के इंतजाम कराने और जरूरतमंदों की मदद करना रंजीत को अच्छा लगता है। लाजपतनगर में गैस कनेक्शन के नाम पर पांच पांच हजार रुपये वसूलने वालों को सबक सिखवाया है। पैसे वापस कराए हैं। धार्मिक स्थलों पर चंदा और दान देने वालों से मिलकर गरीबों को खाना खिलाने की अपील भी रंजीत करती हैं।