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जान‍िए 43 मुकदमों में जमानत के बावजूद क्‍यों जेल में बंद हैं अब्‍दुल्‍ला आजम, यहां पढ़ें ड‍िटेल

दूसरा मामला जल निगम भर्ती घोटाले से संबंधित है। इस मामले में अभी जमानत मंजूर नहीं हो सकी है। अब्दुल्ला के खिलाफ अदालतों में 43 मुकदमे विचाराधीन हैं और सभी में उनकी जमानत मंजूर हो चुकी है। लेकिन वह जेल से बाहर नहीं आ पा रहे हैं।

By Narendra KumarEdited By: Published: Fri, 24 Dec 2021 06:26 AM (IST)Updated: Fri, 24 Dec 2021 06:26 AM (IST)
जान‍िए 43 मुकदमों में जमानत के बावजूद क्‍यों जेल में बंद हैं अब्‍दुल्‍ला आजम, यहां पढ़ें ड‍िटेल
अब्दुल्ला आजम ने अदालत में आत्म समर्पण कर दिया था।

मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। रामपुर सांसद आजम खां के बेटे अब्दुल्ला आजम की सभी 43 मुकदमों में जमानत मंजूर हो चुकी है, फिर भी वह जेल से बाहर नहीं आ सके हैं। एक मामले में उनके जमानती दाखिल नहीं हो सके हैं, इसी कारण वह जेल से नहीं छूट पा रहे हैं। वह अपने पिता आजम खां के साथ करीब पौने दो साल से सीतापुर जेल में बंद हैं। सांसद आजम खां और उनके परिवार के लोगों के खिलाफ जुलाई 2019 में बड़े पैमाने पर मुकदमे दर्ज कराए गए थे। इसके बाद 26 फरवरी 2020 को आजम खां, उनकी पत्नी शहर विधायक डाक्टर तजीन फात्मा और बेटे अब्दुल्ला आजम ने अदालत में आत्म समर्पण कर दिया।

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अदालत ने तीनों को जेल भेज दिया। इसके 10 माह बाद तजीन फात्मा जमानत पर जेल से बाहर आ गईं। लेकिन, आजम खां और अब्दुल्ला अभी तक जेल में बंद हैं। आजम खां के खिलाफ 87 मुकदमे विचाराधीन हैं। इनमें दो मामले ऐसे हैं, जिनमें उनकी जमानत मंजूर नहीं हो सकी है। इनमें एक मामला जौहर यूनिवर्सिटी के लिए शत्रु संपत्ति की जमीन कब्जाने के आरोप से जुड़ा है। इस मुकदमे में स्थानीय अदालत से जमानत खारिज होने के बाद हाईकोर्ट में दोनों पक्षों में बहस के बाद सुनवाई पूरी हो चुकी है। फैसला सुरक्षित है। दूसरा मामला जल निगम भर्ती घोटाले से संबंधित है। इस मामले में अभी जमानत मंजूर नहीं हो सकी है। अब्दुल्ला के खिलाफ अदालतों में 43 मुकदमे विचाराधीन हैं और सभी में उनकी जमानत मंजूर हो चुकी है। लेकिन, वह जेल से बाहर नहीं आ पा रहे हैं।

भाजपा नेता ने कराए थे मुकदमे : अब्दुल्ला के खिलाफ भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने फर्जी जन्मतिथि और दो-दो पासपोर्ट व पैन कार्ड बनवाने के आरोप में मुकदमे कराए थे। भाजपा नेता का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने पैनकार्ड व पासपोर्ट मामले में जमानत देते वक्त आदेश दिए थे कि वादी के बयान दर्ज होने के बाद ही जमानत पर छोड़ा जाए। वह 23 स‍ितंबर को बयान दर्ज करा चुके हैं। लेकिन, अब्दुल्ला आजम की ओर से कोर्ट में जमानती दाखिल नहीं कराए गए हैं। इस कारण कोर्ट ने उन्हें छोड़ने के लिए जेल को परवाना नहीं भेजा है।


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