Kisan Tractor Rally : डिबडिबा में नवरीत के अंतिम संस्कार में उमड़ा नेताओं और किसानों का हुजूम
Funeral of Farmer body in Rampur बेगम नूरबनो संजय कपूर तिलक राज बहेड़ संतोष शर्मा तजेंद्र सिंह विर्क एवं अमरजीत सिंह ने भी श्रद्धांजलि दी। रामपुर के डिबडिबा गांव में गमगीन माहौल में शव का अंतिम संस्कार किया गया।
मुरादाबाद, जेएनएन। दिल्ली आंदोलन में जान गंवाने वाले किसान नवरीत सिंह को श्रद्धांजलि देने वालों का दिनभर तांता लगा रहा। विपक्षी दलों समेत किसान संगठनों ने घर पहुंचकर मृतक के स्वजनों को ढांढसा बंधाया। साथ ही हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
सुबह किसान नेता तजेंद्र सिंह विर्क किसानों के साथ आवास पर पहुंचे। जहां रोते-बिलखते स्वजनों को ढांढस बंधाया। इस दौरान उन्होंने कहा कि नवरीत की कुर्बानी जाया नहीं जाने देंगे। अब कृषि कानून वापस कराकर ही घर लौटेंगे। उत्तराखंड के पूर्व मंत्री तिलकराज बहेड़ भी कार्यकर्ताओं के साथ नवरीत के घर पहुंच कर शोक जताया। उन्होंने इस कांड के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया। कहा भाजपा तानाशाह बन गई है। भाजपा देश की भोलीभाली जनता और किसानों को परेशान करने को ही अपनी वाहवाही समझ रही है। इस दौरान कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव संजय कपूर, पूर्व सांसद बेगम नूरबानो, पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष मुतिउर्रहमान खां बबलू, जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र देव गुप्ता, सितारगंज के पूर्व विधायक नरायणपाल एवं मामून शाह खां आदि कांग्रेसियों ने पीड़ित परिवार के दर्द को बांटा। शवयात्रा में खंड विकास अधिकारी रिजवान हुसैन, ब्लॉक प्रमुख रविंदर कौर, उज्जवल दीदार सिंह साबी, ग्राम पंचायत अधिकारी सलीम हुसैन आदि शामिल हुए। किसान नेता अमरजीत सिंह, मोहम्मद हनीफ वारसी, जगजीत सिंह गिल, अरविन्द्र सिंह चीमा, प्यारा सिंह, सलीम वारसी, लखविन्द्र सिंह, हरजिंदर सिंह, दलजीत सिंह, नरेंद्र सिंह शव यात्रा में शामिल हुए और भाजपा सरकार को किसान विरोधी बताया। कहा भाजपा किसानों का दमन करना चाहती है। बोले देश में ऐसा पहला प्रधानमंत्री आया है, जो पूरी तरह किसान विरोधी है। पूंजीपतियों का गुलाम है। इसके अलावा आदमी पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष फैसल लाला, जिलाध्यक्ष अंसार अहमद कार्यकर्ताओं के साथ किसान के गांव पहुंचे और हर संभव मदद का आश्वासन दिया। सपा नेता पंडित संतोष शर्मा ने घर पहुंचकर श्रद्धांजलि दी। सभी राजनीतिक दलों के पदाधिकारी, किसान संगठन के नेता एवं क्षेत्रीय किसानों के साथ काफी संख्या में ग्रामीण अंतिम यात्रा में शामिल हुए।