अलवर से फरार कातिल छह साल बाद मुरादाबाद में गिरफ्तार
छह साल पहले पेरोल पाने के बाद जेल से बाहर निकला राजस्थान के अलवर का रहने वाला हत्या का दोषी फरार हो गया था। सोमवार को मुगलपुरा पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। सजायाफ्ता कैदी की गिरफ्तारी की सूचना राजस्थान पुलिस को दी गई है।
मुरादाबाद : छह साल पहले पेरोल पाने के बाद जेल से बाहर निकला राजस्थान के अलवर का रहने वाला हत्या का दोषी फरार हो गया था। सोमवार को मुगलपुरा पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। सजायाफ्ता कैदी की गिरफ्तारी की सूचना राजस्थान पुलिस को दी गई है।
मुगलपुरा थाना प्रभारी देवेंद्र सिंह के मुताबिक एसआइ चांदवीर सिंह सोमवार को आरक्षी राजीव व अनिल कुमार के साथ जामा मस्जिद चौराहे पर वाहन चेकिग कर रहे थे। तभी पुलिस की नजर एक संदिग्ध व्यक्ति पर पड़ी। पूछताछ में युवक की पहचान बनवारी निवासी ग्राम खारेडा थाना मालाखेड़ा, अलवर, राजस्थान के रूप में हुई। संदेह के आधार पर मुगलपुरा पुलिस ने अलवर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक से बात की। तब पता चला कि अलवर कोर्ट से बनवारी को आजीवन कारावास की सजा मिली है। बनवारी के खिलाफ वर्ष 2007 में अलवर के एमआइए थाने में हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ था। राजस्थान के जिला पैरोल परामर्शदात्री समिति अलवर के आदेश पर 22 सितंबर 2014 से 20 दिन की नियमित पैरोल स्वीकृत हुई। इसके तहत अलवर के जिला मजिस्ट्रेट ने 14 अक्टूबर 2014 को बनवारी को पैरोल रिहाई का आदेश दिया। एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर बनवारी रिहा हुआ। शेष सजा भुगतने के लिए उसे दो नवंबर 2014 को जिला कारागार अलवर में दाखिल होना था। जेल में दाखिल होने की बजाय बनवारी फरार हो गया। दो नवंबर 2014 को अलवर पुलिस ने बनवारी को फरार घोषित कर दिया। बनवारी के खिलाफ अलवर कोतवाली में फरारी का मुकदमा दर्ज है। बनवारी की मुरादाबाद में गिरफ्तारी की सूचना अलवर पुलिस को दी गई है। मुगलपुरा कोतवाली प्रभारी ने बताया कि अलवर राजस्थान से एएसआइ ईश मुहम्मद व का हनीफ खां ने बनवारी की पहचान की। सजायाफ्ता कैदी को मुगलपुरा पुलिस ने राजस्थान पुलिस के सुपुर्द कर दिया। ठेला चलाकर करता था जीविकोपार्जन
मुगलपुरा थाना प्रभारी देवेंद्र सिंह ने बताया कि बनवारी तीन साल से मुरादाबाद था। वह मझोला थाना क्षेत्र में किराए के कमरे में रहकर ठेला चलाने का काम करता था। बाकी तीन वर्ष बनवारी ने देश के विभिन्न स्थानों पर फरारी काटी।