मोबाइल का स्विच आफ होने पर इन बातों का रखें ध्यान वर्ना हो जाएंगे ठगी के शिकार Moradabad News
साइबर जालसाजों की पहुंच में हैं आपकी गुप्त सूचनाएं। कंप्यूटर लैपटाप और मोबाइल के प्रयोग में बरतें सावधानी। जरा सी लापरवाही पड़ जाएगी भारी।
मुरादाबाद, जेएनएन। साइबर अपराध पर नजर रखने वाले विशेषज्ञों की मानें तो पूरे देश में गहरी जड़ें जमा चुके साइबर अपराधियों का कारोबार दो सौ करोड़ को भी पार कर गया है। साइबर अपराध के लगातार बढ़ रहे दायरे को सिर्फ सतर्कता व सजगता से ही रोका जा सकता है। जरा सी चूक से आपकी गाढ़ी कमाई हाथ से फिसल सकती है।
बढ़ रहा अपराध का दायरा
तथ्य फोरेंसिक विंग के निदेशक व साइबर विशेषज्ञ संजय मिश्र के मुताबिक तकनीकि दौर में हर चीज आसान है। यही वजह है कि साइबर अपराध का दायरा लगातार बढ़ रहा है। कंप्यूटर से लेकर मोबाइल फोन और एटीएम कार्ड से लेकर बैंक अकाउंट तक साइबर क्रिमिनल्स की पहुंच में हैं। देश में साइबर अपराध की मंडी करीब 200 करोड़ के पार हो गई है। इसमें 99 प्रतिशत मामले फाइनेंशियल फ्राड के हैं।
फोन स्विच आफ होते ही हो जाएं सतर्क
साइबर अपराधी सिम गुम होने का फर्जी प्रार्थना पत्र दे रहे हैं। नकली मुहर लगाकर वह मोबाइल फोन कंपनियों से नया सिम हासिल कर रहे हैं। इसके बाद संबंधित व्यक्ति के अकाउंट एवं एटीएम की डिटेल हासिल कर रकम पार कर रहे हैं। ऐसे में मोबाइल फोन चार-पांच घंटे के लिए बंद होने पर तुरंत ध्यान देना चाहिए। इसके अलावा कम ब्याज पर लोन का झांसा देकर भी खेल किया जा रहा है।
बरतें ये सावधानियां
बैंक खाता संख्या, कार्ड संख्या, पिन, ईमेल आईडी और पासवर्ड, मोबाइल नंबर और यूजर आईडी की जानकारी फोन पर किसी को न दें। डिटेल न देने पर खाता बंद होने की बात कहे जाने पर डरें नहीं, सीधे पुलिस को सूचना दें। अनुरोध के बिना मोबाइल फोन बंद किए जाने का फोन आने पर ध्यान न दें। जालसाज इसी बहाने ओटीपी या अन्य डिटेल निकाल सकते हैं। समय-समय पर एटीएम और क्रेडिट कार्ड के पासवर्ड बदलते रहें। एटीएम या पीओएस मशीन का उपयोग करते समय कीपैड ढक कर रखें। एटीएम की डिटेल एवं पासवर्ड की जानकारी किसी से भी शेयर न करें, केबिन में किसी को न आने दें। साइबर कैफे में ऑनलाइन लेन-देन से बचें।