करवा चौथ आज, 70 साल बाद बन रहा रोहिणी नक्षत्र का संयोग Moradabad News
करवा चौथ व्रत समय सुबह 0623 बजे से शुरू होगा और रात 759 बजे चांद निकलेगा। रात 0816 बजे चांद के दर्शन कर अघ्र्य व पूजा करने के बाद सुहागिनें व्रत का पारण करेंगी।
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद । कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी यानी आज करवा चौथ मनाया जाएगा। इस बार करवा चौथ पर अद्भुत संयोग बन रहा है। ऐसा संयोग 70 साल बाद आया है।
ज्योतिषियों के अनुसार करवा चौथ रोहिणी नक्षत्र के साथ मंगल योग में आया है। जिसे बेहद फलदायी माना जाता है। सुहागिनें इस दिन अपने पति की दीर्घायु के लिए निर्जल व्रत रहेंगी। पूजा मुहूर्त शाम 5:50 से 07:05 बजे तक रहेगा। पूजा की कुल अवधि 01 घंटा 15 मिनट है। करवा चौथ व्रत समय सुबह 06:23 बजे से शुरू होगा और रात 7:59 बजे चांद निकलेगा। रात 08:16 बजे चांद के दर्शन कर, अघ्र्य व पूजा करने के बाद सुहागिनें व्रत का पारण करेंगी।
व्रत व पूजा की विधि
इस दिन महिलाएं दिन भर निर्जल व्रत रखती हैं। अपने पति की लंबी आयु और स्वस्थ जीवन की कामना करती हैं। इस दिन पूरे विधि विधान से माता पार्वती और भगवान गणेश की पूजा अर्चना की जाती है। इस दिन सूर्योदय से पहले जागकर सरगी खाकर व्रत की शुरुआत की जाती है। इस व्रत में सरगी का विशेष महत्व है। सरगी में मिठाई, फल व मेवे होते हैं, जो सास बहुओं को देती है। उसके बाद महिलाएं पूरे दिन निर्जल व्रत रहती हैं। शाम को पूजा करने के बाद करवाचौथ व्रत की कथा सुनी जाती है। इसके बाद छलनी से चांद देखने के बाद पति की आरती उतारकर व्रत खोलती हैं। करवा चौथ में जितना महत्व व्रत और पूजा का है, उतना ही महत्व करवा चौथ के व्रत की कथा सुनने का भी होता है। बिना कथा सुने यह व्रत अधूरा माना जाता है
पंडित हरिदत्त शास्त्री, मनोकामना मंदिर रेलवे कालोनी ने बताया कि करवा चौथ पर 70 साल बाद रोहिणी नक्षत्र पड़ रहा है। यह पति की दीर्घायु के लिए फलदायी होता है। सुबह 6:23 बजे से पहले सरगी खा लें और फिर पूरे दिन निर्जल व्रत रखकर पूजा अवधि में व्रत की कथा विधि विधान से पढ़ें।
ज्योतिष उमाशंकर शास्त्री ने कहा कि करवा चौथ के व्रत के दिन चटख रंग के कपड़े पहनें। यह सुहाग व सौभाग्य का प्रतीक होते हैं। मानसिक रूप से पूरे दिन खुद को शांत रखें और विधि विधान से पूजा करके चंद्रमा को अघ्र्य दें।