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Kanwar Yatra 2021 : घर में रखे गंगा जल से ही शिवालयों में करेंगे जलाभिषेक, स्‍वस्‍थ रहने का देंगे संदेश

सावन में कांवड़ यात्रा रद होने से शिव भक्तों में आस्था का ज्वार कम नहीं हुआ है। कांवड़ यात्रा दो सालों से रद होने का मलाल जरूर है। मगर सावन में शिव भक्ति का उल्लास कम नहीं हुआ है। लेकिन कोरोना संक्रमण से खुद को बचाना भी जरूरी है।

By Narendra KumarEdited By: Published: Mon, 19 Jul 2021 10:45 AM (IST)Updated: Mon, 19 Jul 2021 10:45 AM (IST)
Kanwar Yatra 2021 : घर में रखे गंगा जल से ही शिवालयों में करेंगे जलाभिषेक, स्‍वस्‍थ रहने का देंगे संदेश
कोरोना संक्रमण से बचने को शरीर में शक्ति है, तभी भक्ति है का संदेश दे रहे शिव भक्त।

मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। सावन में कांवड़ यात्रा रद होने से शिव भक्तों में आस्था का ज्वार कम नहीं हुआ है। कांवड़ यात्रा दो सालों से रद होने का मलाल जरूर है। मगर, सावन में शिव भक्ति का उल्लास कम नहीं हुआ है। लेकिन, कोरोना संक्रमण से खुद को बचाना भी जरूरी है। इसीलिए शरीर में शक्ति है, तभी भक्ति का संदेश दे रहे हैं। यानि जब शरीर में शक्ति ही नहीं बचेगी तो वर्षाें पुरानी भक्ति बेकार जाएगी।

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कोई नौ साल की उम्र से कांवड़ ला रहा है तो कोई परिजनों द्वारा कांवड़ बांधने का पालन निभा रहा है। 20 से 40 साल से प्राचीन बेड़े कांवड़ ला रहे हैं। कोरोना में सावन यात्रा भले रद हो गई हो लेकिन, आस्था अपनी जगह कायम है। सावन में वह सभी नियमों का पालन व पूजा करेंगे जिस तरह कांवड़ लाने के दौरान करते हैं। पिछले सालों का घर में रखे गंगा जल से शिव का अभिषेक करेंगे। तो कोई शिवालय में ही बैठकर शिव की आराधना करेगा। माथे पर चंदन का लेप लगाएंगे और सावन में दाढ़ी व बाल नहीं कटाएंगे। हर सोमवार को मंदिरों में कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए जलाभिषेक करेंगे। मुरादाबाद शहर से करीब एक हजार से अधिक बेड़े हरिद्वार व ब्रजघाट से कांवड़ लेने जाते हैं। लेकिन, बेड़ों में 50 बेड़े ऐसे हैं, जो बहुत पुराने हैं और बिना किसी डीजे, झांकी और शोर शराबे के कांवड़ लाते हैं।

मैं 35 सालों से कांवड़ लेकर आ रहा हूं। कोरोना संक्रमण के कारण दो साल से नहीं जा रहा हूं। भक्ति भी हम तभी तक कर सकते हैं जब शरीर में जान है। कोविड-19 के नियमों का पालन करेंगे और घर में रखे पिछले सालों के जल से शिव का जलाभिषेक करेंगे।

आशीष त्रिवेदी, शिव भक्त

मैं वर्ष 2003 से कांवड़ लेकर आ रहा हूं। सावन में ब्रज घाट व महाशिवरात्रि पर हरिद्वार से कांवड़ लेकर आते हैं। बिना किसी डीजे व शोर शराबे के कांवड लेकर आते हैं। एक महीने तक घर व शिवालय में ही शिव की आराधना करेंगे।

अमन अग्रवाल, शिव भक्त

कांवड़ यात्रा रद होने से मलाल जरूर हुआ है। लेकिन, आस्था कम नहीं हुई है। शिव का प्रिय सावन में मंदिर में ही शिव आराधाना करेंगे। दूसरे शिव भक्तों से भी अपील करेंगे कि वह कोविड नियमों का पालन करें। घर में शिव की पूजा करें।

संजय गुप्ता, शिव भक्त

भगवान शिव भक्ति से प्रसन्न होते हैं। यह भक्ति किसी भी प्रकार की जा सकती है। शरीर स्वस्थ रहेगा तो भक्ति भी मन से होगी। इसीलिए घर में रखे पिछले वर्षों के गंगा जल से जलभिषेक करेंगे।

विक्की, शिव भक्त

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