कांठ विवाद ने भाजपा को पश्चिमी यूपी में बनाया था मजबूूत,महापंचायत में जुटे थे कई जिलों के लोग
महापंचायत को सफल बनाने के लिए जनसंपर्क अभियान भी चला था। लोगों को कांठ में होने वाली महापंचायत में शामिल होने के लिए बुलाया गया था। इसमें मुरादाबाद मंडल के अलावा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जनपदों से लोग एकत्रित हुए थे।
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। अकबरपुर चेंदरी गांव में मंदिर से लाउडस्पीकर उतारे जाने के मुद्दे को भारतीय जनता पार्टी ने मुद्दा बनाया था। इस प्रकरण में भारतीय जनता पार्टी की ओर से बुलाई गई महापंचायत ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मजबूती प्रदान की थी। इस प्रकरण के भाजपा के लिए महत्व को इस बात से समझा जा सकता है कि तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी भी मुरादाबाद आए थे और जिलाधिकारी आवास पर पहुंचकर धरने पर बैठ गए थे। इस आंदोलन में सुरेश राणा और लोकेंद्र सिंह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
महापंचायत को सफल बनाने के लिए जनसंपर्क अभियान भी चला था। लोगों को कांठ में होने वाली महापंचायत में शामिल होने के लिए बुलाया गया था। इसमें मुरादाबाद मंडल के अलावा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जनपदों से लोग एकत्रित हुए थे। महापंचायत में हजारों की संख्या में लोग एकत्रित हुए थे। महापंचायत के दौरान ही सपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी हुई थी। जब सभी लोग उठकर गांव की ओर जाने लगे थे तभी अचानक से भगदड़ मची थी और बवाल हुआ था। इसमें जिलाधिकारी की आंख पर चोट लगने के बाद पुलिस ने लाठी चार्ज किया था। इसके बाद कांठ स्टेशन के प्लेटफार्म की ओर से पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी थे तो लाइन के दूसरी ओर महापंचायत में शामिल हुए आंदोलनकारी। इसके बाद दोनों ओर से पथराव हुआ था। करीब पांच घंटे तक बवाल चला था। बाद में कई और थानों से की फोर्स के अलावा पीएसी के पहुंचने के बाद आंदोलनकारी खदेड़ दिए गए थे। इसके बाद भी देर रात तक आंदोलनकारियों और पुलिस के बीच झड़प होती रही थी। इस बवाल के बाद भाजपा को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जबरदस्त मजबूती मिली थी। भाजपा ने इस मुद्दे को खूब भुनाया और वर्ष 2017 के चुनाव में भाजपा को इसका लाभ भी मिला था।
मैं वहां पर मौजूद थी। कोर्ट से आज सच्चाई की जीत हुई है। कोर्ट का निर्णय सराहनीय है। भाजपा के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को बधाई, क्योंकि आज सच्चाई की जीत हुई है।
गुलाब देवी, राज्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार
सरकार बनने के बाद मंदिर में लगाया गया लाउडस्पीकर : अकबर पुर चेंदरी गांव में जिस मंदिर से लाउडस्पीकर उतारे जाने को लेकर विवाद खड़ा हुआ था, वहां 2017 में भाजपा की सरकार बनने के बाद लाउडस्पीकर दोबारा से लगाया गया था। गांव में भी पूरी तरह से शांति है। बवाल के बाद से फिर दोबारा कभी विवाद नहीं हुआ। ग्रामीण अवनीश कुमार वीर सिंह आदि ने बताया कि वर्ष 2017 में जब भाजपा की सरकार बनी और चौधरी भूपेंद्र सिंह इसके बाद जब कैबिनेट मंत्री बने थे तब उन्होंने नया गांव अकबरपुर चेंदरी में स्थायी रूप से शिव मंदिर पर लाउडस्पीकर लगवा दिया था। किसी पुलिस प्रशासनिक अधिकारी ने लाउडस्पीकर हटाने को नहीं कहा है। तभी से लगातार शिव मंदिर पर लाउडस्पीकर बजता है। उन्होंने बताया कि गांव में अब किसी तरह का कोई विवाद भी नहीं है हिंदू मुसलमान सब एक दूसरे से मिलकर अपने त्योहार मनाते हैं।