Janmashtami Festivals : चश्मा और पगड़ी लगाकर बेड पर विराजेंगे कान्हा, जोरों पर तैयारियां
Janmashtami Festivals कान्हा के स्वागत के लिए पूरी तरह सजा बाजार। ठाकुर जी के ठाट के लिए जमकर हुई खरीदारी।
मुरादाबाद। बनारस में भोले की तरह कान्हा भी लोगों के घर के सदस्य हैं। घर के छोटे बच्चे की तरह वो भी दुलारे जाते हैं। वो खाते हैं, पीते हैं। ऐसी-कूलर में रहते हैं और चश्मा और पगड़ी भी लगाते हैं। जन्माष्टमी आते ही इनके ठाठ और भी बढ़ जाते हैं, इनके लिए बाजार सज जाते हैं। हर बार कान्हा के लिए कुछ न कुछ बाजार में नया होता है। इस बार सोफा कम बेड सबसे ज्यादा डिमांड में है। इसके अलावा भी एसी-कूलर, पालने, रंग-बिरंगे परिधानों की खरीदारी जन्माष्टमी से एक दिन पहले सोमवार को जमकर हुई।
जन्माष्टमी की पूर्व संध्या पर बाजार में भीड़ ऐसे उमड़ी कि पैदल चल रहे लोगों को भी काफी मशक्कत करनी पड़ी। दुकानों पर रंग-बिरंगे परिधान व मोतियों से सजे पालने खरीदने के लिए लोग जुटे रहे। व्यापारी अक्षय अग्रवाल बताते हैं कि कोरोना के कारण इस बाजार बाजार में बहुत ज्यादा आइटम नहीं पहुंचे हैं लेकिन, कान्हा के ठाठ में कमी न रह जाए इसके पूरे इंतजामात हैं।
कुंदन से सजा कान्हा का परिधान
जन्माष्टमी में श्रृद्धालुओं को सबसे ज्यादा ङ्क्षचता उनके परिधानों की होती है। इसके लिए भी रंग-बिरंगे और खूबसूरत परिधान बाजार पहुंचे। कुंदन, मीना और मोतियों से सजे परिधानों ने ग्राहकों का मन जीता। व्यापारी विपिन गुप्ता का कहना है कि पालने में कान्हा का झूला झुलाने के लिए ग्राहकों की पहली पसंद कुंदन की कारीगरी वाले परिधान रहे। वहीं उनकी पगडुी, मुरली, चश्मे भी मोतियों और कई तरह की कारीगरी से सजे हुए बाजार पहुंचे।
बिके हर आकार के लड्डू गोपाल
लड्डू गोपाल को घर-घर पूजने के लिए भी खरीदारी जमकर हुई। छोटे लड्डू गोपाल से लेकर बड़े आकार के कान्हा भी खरीदे गए, साइज के अनुसार पालने भी बाजार में ग्राहकों ने पसंद किए।