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Janmashtami festival : मुरादाबाद में तैयार लड्डू गोपाल का क्रेज, विदेश में भी पूजे जाएंगे, जानिए क्‍या है खासियत

Janmashtami festival जन्‍माष्‍टमी पर्व पर कन्‍हैया की पूजा की बात हो और मुरादाबाद का जिक्र न आए ऐसा हो नहीं सकता। पीतल की बनींं यहां मूर्तियों की हमेशा डिमांड रहती है।

By Narendra KumarEdited By: Published: Fri, 07 Aug 2020 04:07 PM (IST)Updated: Fri, 07 Aug 2020 04:07 PM (IST)
Janmashtami festival : मुरादाबाद में तैयार लड्डू गोपाल का क्रेज, विदेश में भी पूजे जाएंगे, जानिए क्‍या है खासियत
Janmashtami festival : मुरादाबाद में तैयार लड्डू गोपाल का क्रेज, विदेश में भी पूजे जाएंगे, जानिए क्‍या है खासियत

मुरादाबाद (तेजप्रकाश सैनी)।  पीतल नगरी में तैयार लड्डू गोपाल सहज ही अपनी ओर आकर्षित कर लेते हैं। यही कारण है कि मुरादाबाद में पीतल से बने लड्डू गोपाल देश ही नहीं विदेश में भी घर-घर पूजे जाएंगे। जन्माष्टमी से पहले ही लड्डू गोपाल के देश के विभिन्न हिस्सों से मंगाए जा रहे हैं और उनकी तेजी से आपूर्ति हो रही है। खास बात यह है कि कन्हैया जी के बालरूप वाली मूर्ति पूरी तरह से मुरादाबाद में नहीं बनती हैं। अलीगढ़ से ढलकर आने वाली मूर्ति की नक्काशी, आंखें, हाथ, कानों में छेद समेत अन्य बारीकियां पूरी कर उसे जीवंत करने का काम मुरादाबाद के कारीगर करते हैं। यहां से आर्डर पर लड्डू गोपाल खासकर महाराष्ट्र, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, दिल्ली समेत देश भर में पूजे जा रहे हैं। जन्माष्टमी से एक महीने से आर्डर मिलने शुरू होते ही अलीगढ़ से ढलाई कराकर मंगाए जाते हैं और नक्काशी करके लड्डू गोपाल तैयार होते हैं। स्थानीय बाजार में इनका श्रृंगार गोटा वाले करते हैं। मुरादाबाद में करीब 20 कारोबारी मूर्तियों का थोक कारोबार करते हैं। लड्डू गोपाल के वजन के हिसाब से कीमत तय होती है। सौ ग्राम के लड्डू गोपाल नक्काशी के बाद सौ रुपये में तैयार होते हैं।

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लड्डू गोपाल का श्रृंगार उनके वजन की कीमत से भी महंगा

श्रंगार की बात करें तो कीमत चौंका देगी। श्रंगार दो तरह का होता है, एक सामान्य व दूसरा रॉयल। सौ ग्राम के लड्डू गोपाल की बात करें तो सामान्य श्रृंगार 100 रुपये तक में हो जाता है लेकिन रॉयल श्रृंगार 1,000 रुपये में होता है। इस रॉयल में दबका, कुंदन, स्टोन से तैयार पोशाक, माला, मुकुट, बासुंरी समेत अन्य वस्तुएं होती हैं। श्रृंगार के साथ डिमांड पर पीतल कारोबारियों को अलग से गोटा वालों से इनका श्रंगार कराना पड़ता है।

वजन के हिसाब से अलग-अलग ढलाई की कीमत

अलीगढ़ से ढलाई कराने में इनकी कीमत वजन के हिसाब से तय होती है। 100 ग्राम के लड्डू गोपाल की ढलाई का खर्च करीब 60 रुपये आता है, जिनकी नक्काशी पर पांच से छह रुपये प्रति पीस के हिसाब से खर्च होते हैं। ज्यादा वजन में 25 रुपये तक का खर्च नक्काशी में आता है।

वजन के हिसाब से नक्काशी किए लड्डू गोपाल की कीमत

सौ ग्राम 100 रुपये

150 ग्राम 150 रुपये

200 ग्राम 180-200 रुपये

एक किग्रा 900-1000 रुपये

इस बार घटा कारोबार

मुरादाबाद से पिछले साल तक जन्माष्टमी से पहले ही लड्डू गोपाल की मूर्ति का कारोबार 35 से 40 करोड़ रुपये के आसपास रहता था। कोरोना के कारण इस बार यह घटकर केवल 40 से 45 प्रतिशत तक रह गया है। इससे बड़ी संख्या में लोगों को नुकसान हुआ तो रोजगार भी बहुत कम मिला।

ढलाई के बाद नक्काशी का काम मुरादाबाद में ही होता है। यहीं से तैयार होकर देश भर में आर्डर होते हैं। अगर श्रंगार की डिमांड होती है तो गोटा वालों से कराकर आर्डर करते हैं।

कशिश रस्तोगी, पीतल कारोबारी

लड्डू गोपाल का श्रंगार सामान्य व रॉयल दो तरीके से होता है। स्थानीय स्तर पर घरों के लिए लड्डू गोपाल का श्रंगार कराने के अलावा आर्डर भी तैयार होता है।

अक्षय अग्रवाल, गोटा कारोबारी, अमरोहा गेट 


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