आधुनिकता के साथ पर्यावरण संतुलन के लिए काम कर रही सरकार : जल शक्ति मंत्री बलदेव सिंह औलख
जल शक्ति राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख ने कहा कि नदियों को स्वच्छ करने के लिए निरंतर प्रयास जारी है। लेकिन सरकार देश को जागरूक करने की सोच के साथ काम कर रही है तो हमें भी सरकार का सहयोग करने की जरूरत है।
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। जागरण विमर्श के दौरान पर्यावरण, प्रदूषण और स्वास्थ्य पर गहन मंथन हुआ। मुख्य अतिथि जल शक्ति राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख ने कहा कि हम जितना आधुनिक हो रहे हैं, प्रदूषण भी बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पर्यावरण संतुलन के लिए स्वच्छता अभियान चलाकर एक जागरूकता का संदेश दिया। प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य व शिक्षा पर बहुत जोर दिया है। उन्होंने कहा कि मनुष्य की तरह पर्यावरण को भी स्वस्थ बनाने पर हमारी प्रदेश व केंद्र सरकार काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि नदियों को स्वच्छ करने के लिए निरंतर प्रयास जारी हैं। लेकिन, सरकार देश को जागरूक करने की सोच के साथ काम कर रही है तो हमें भी सरकार का सहयोग करने की जरूरत है। प्रदूषण की स्थिति सर्दियां आते ही ज्यादा होती है। फेफड़ों की बीमारी प्रदूषण से होती है।
प्रदूषण रोकने के लिए अनियंत्रित विकास को रोकना जरूरी : सीएमओ डा.एमसी गर्ग ने कहा कि अस्पताल खोलने के साथ-साथ इको फ्रैंडली होना जरूरी है। प्रदूषण को तभी रोक सकते हैं जब अनियंत्रित विकास को रोका जाएगा। लेकिन, अस्पताल इलाज करके भलाई करते हैं, यह उद्देश्य उनका रहता है। अब भलाई के साथ पर्यावरण व प्रदूषण की रोकथाम भी नए अस्पताल खोलने के साथ करनी होगी। उन्होंने कहा कि जिस तरह कभी दवा साइड इफेक्ट करती है तो वहीं अनियंत्रित विकास भी साइड इफेक्ट डालता है। सीएमओ ने कहा कि अस्पताल खोलने, कार खरीदने और फैक्ट्री खोलने के साथ प्रदूषण रोकने के लिए हर जिम्मेदार व्यक्ति को सोचने की जरूरत है।
वाहनों की बढ़ती संख्या पर नियंत्रण जरूरी : क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी विकास मिश्रा ने कहा कि 60 फीसद थर्मल व वाहनों से प्रदूषण हो रहा है। लेकिन, हम वाहनों से हो रहे प्रदूषण को भूले बैठे हैं। सिर्फ फैक्ट्रियों को प्रदूषण के लिए दोषी नहीं ठहराया जा सकता। फैक्ट्रियों की निरंतर चेकिंग और कार्रवाई भी होती है। वाहनों की आपाधापी को रोकने के लिए काम करना होगा। सरकार स्तर से पेट्रोल में एथेनाल बढ़ाया जा रहा है, जो प्रदूषण रोकने के लिए अच्छा प्रयास है। पहले दो फीसद एथेनाल मिलाया जा रहा था अब पांच फीसद होने से वाहनों से प्रदूषण भी कम हो रहा है। इससे वायु सूचकांक में भी सुधार हो रहा है।