Move to Jagran APP

आप भी कमल की खेती कर बढ़ाएं अपनी आमदनी, अपनाएं ये तरीका Moradabad News

मुरादाबाद में खेत में कमल खिलाकर किसान हो रहे सम्पन्न। दिल्ली बरेली समेत अन्य शहरों से थोक कारोबारी ले जाते हैं फूल।

By Narendra KumarEdited By: Published: Sat, 12 Oct 2019 01:46 PM (IST)Updated: Mon, 04 Nov 2019 02:04 PM (IST)
आप भी कमल की खेती कर बढ़ाएं अपनी आमदनी, अपनाएं ये तरीका  Moradabad News
आप भी कमल की खेती कर बढ़ाएं अपनी आमदनी, अपनाएं ये तरीका Moradabad News

मुरादाबाद (समन्वय पांडेय)। राष्ट्रीय पुष्प कमल के बारे में अभी तक आप यही जानते होंगे कि यह कीचड़ में उगता है। तालाब और झील के गंदे पानी में इसकी खेती होती है लेकिन, ऐसा नहीं है। कमल का फूल सामान्य खेत में भी खिलता है। यहां तक कि आप इसे अपने घर के गमले में भी लगा सकते हैं। इतना ही नहीं यह किसानों की आजीविका का बेहतर साधन भी है। मुरादाबाद के कांठ क्षेत्र के मोढ़ा तेहिया गांव में किसान खेतों में कमल के फूल खिलाकर सम्पन्न हो रहे हैं। 

loksabha election banner

गांव के पास ही करीब 67 एकड़ में फैली एक झील है। उसमें भी कमल उगाए जाते हैं। जिन्हें झील का ठेका नहीं मिलता है, वे अपने खेत में उसे उगाते हैं। किसान नारायण सिंह बताते हैं कि गांव की करीब 32 एकड़ जमीन में कमल की खेती की जा रही है। बहुतायत में फूल की खेती होने के चलते दिल्ली, बरेली, अलीगढ़, आगरा समेत आसपास के अन्य शहर के कारोबारी यहां से थोक में कमल ले जाते हैं। नवरात्र से दीपावली तक कमल की मांग ज्यादा रहती है। स्थानीय किसानों का कहना है कि धान और गेहूं की फसल में नुकसान की गुंजाइश ज्यादा रहती है। जबकि कमल के फूल की खेती में ऐसा नहीं है। बस कीचड़ में काम करने की आदत डालनी होती है। इसमें हम कमल के फूल से तो कमाई करते ही हैं, सब्जी के रूप में कमल गट्टे और इसके बीज की बिक्री भी होती है। बीज से ही मखाने बनाते हैं। 

  खेत में ऐसे खिलता है कमल

 किसान धर्मपाल सिंह बताते हैं कि कमल की फसल जुलाई में लगाई जाती है। खेत की जुताई करके उसमें कमल की जड़ लगाई जाती है या बीज बोए जाते हैं। इसके बाद करीब दो महीने तक खेत में पानी भरा रहना चाहिए। यानी कीचड़ रहनी चाहिए। अक्टूबर में फसल कटने लायक हो जाती है। जड़ में जितनी गांठे होती हैं उतने ही पौधे निकलते हैं, बिल्कुल गन्ने की फसल की तरह। हर पौधे पर सिर्फ एक कमल का फूल ही खिलता है। इसके साथ ही बीजों का गुच्छा भी पौधे पर ही तैयार होता है। 

 कम समय में ज्यादा आमदनी

 कमल की खेती कम समय में ज्यादा आमदनी देती है। किसान नारायण सिंह बताते हैं कि एक एकड़ में करीब छह हजार पौधे तैयार हो सकते हैं। हर पौधे पर एक कमल खिलता है, जो थोक कारोबारी पीस के हिसाब से ले जाते हैं। थोक में एक कमल का फूल एक से दो रुपये में आम दिनों में बिकता है। इस हिसाब से करीब 12 हजार के फूल थोक में बिक जाते हैं। इसी प्रकार से बीजों के छत्ते और कमल गट्टे अलग-अलग बिकते हैं। एक ही फसल से तीन तरह की चीजें तैयार होती हैं और बाजार में बिकती हैं। धर्मपाल बताते हैं कि कमल के फूल की फसल लगाने में 15 से 20 हजार का खर्च आता है, जबकि फसल बिकने के बाद किसान को करीब 54 से 55 हजार रुपये की आमदनी होती है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.