आप भी कमल की खेती कर बढ़ाएं अपनी आमदनी, अपनाएं ये तरीका Moradabad News
मुरादाबाद में खेत में कमल खिलाकर किसान हो रहे सम्पन्न। दिल्ली बरेली समेत अन्य शहरों से थोक कारोबारी ले जाते हैं फूल।
मुरादाबाद (समन्वय पांडेय)। राष्ट्रीय पुष्प कमल के बारे में अभी तक आप यही जानते होंगे कि यह कीचड़ में उगता है। तालाब और झील के गंदे पानी में इसकी खेती होती है लेकिन, ऐसा नहीं है। कमल का फूल सामान्य खेत में भी खिलता है। यहां तक कि आप इसे अपने घर के गमले में भी लगा सकते हैं। इतना ही नहीं यह किसानों की आजीविका का बेहतर साधन भी है। मुरादाबाद के कांठ क्षेत्र के मोढ़ा तेहिया गांव में किसान खेतों में कमल के फूल खिलाकर सम्पन्न हो रहे हैं।
गांव के पास ही करीब 67 एकड़ में फैली एक झील है। उसमें भी कमल उगाए जाते हैं। जिन्हें झील का ठेका नहीं मिलता है, वे अपने खेत में उसे उगाते हैं। किसान नारायण सिंह बताते हैं कि गांव की करीब 32 एकड़ जमीन में कमल की खेती की जा रही है। बहुतायत में फूल की खेती होने के चलते दिल्ली, बरेली, अलीगढ़, आगरा समेत आसपास के अन्य शहर के कारोबारी यहां से थोक में कमल ले जाते हैं। नवरात्र से दीपावली तक कमल की मांग ज्यादा रहती है। स्थानीय किसानों का कहना है कि धान और गेहूं की फसल में नुकसान की गुंजाइश ज्यादा रहती है। जबकि कमल के फूल की खेती में ऐसा नहीं है। बस कीचड़ में काम करने की आदत डालनी होती है। इसमें हम कमल के फूल से तो कमाई करते ही हैं, सब्जी के रूप में कमल गट्टे और इसके बीज की बिक्री भी होती है। बीज से ही मखाने बनाते हैं।
खेत में ऐसे खिलता है कमल
किसान धर्मपाल सिंह बताते हैं कि कमल की फसल जुलाई में लगाई जाती है। खेत की जुताई करके उसमें कमल की जड़ लगाई जाती है या बीज बोए जाते हैं। इसके बाद करीब दो महीने तक खेत में पानी भरा रहना चाहिए। यानी कीचड़ रहनी चाहिए। अक्टूबर में फसल कटने लायक हो जाती है। जड़ में जितनी गांठे होती हैं उतने ही पौधे निकलते हैं, बिल्कुल गन्ने की फसल की तरह। हर पौधे पर सिर्फ एक कमल का फूल ही खिलता है। इसके साथ ही बीजों का गुच्छा भी पौधे पर ही तैयार होता है।
कम समय में ज्यादा आमदनी
कमल की खेती कम समय में ज्यादा आमदनी देती है। किसान नारायण सिंह बताते हैं कि एक एकड़ में करीब छह हजार पौधे तैयार हो सकते हैं। हर पौधे पर एक कमल खिलता है, जो थोक कारोबारी पीस के हिसाब से ले जाते हैं। थोक में एक कमल का फूल एक से दो रुपये में आम दिनों में बिकता है। इस हिसाब से करीब 12 हजार के फूल थोक में बिक जाते हैं। इसी प्रकार से बीजों के छत्ते और कमल गट्टे अलग-अलग बिकते हैं। एक ही फसल से तीन तरह की चीजें तैयार होती हैं और बाजार में बिकती हैं। धर्मपाल बताते हैं कि कमल के फूल की फसल लगाने में 15 से 20 हजार का खर्च आता है, जबकि फसल बिकने के बाद किसान को करीब 54 से 55 हजार रुपये की आमदनी होती है।