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टोल प्लाजा में करोड़ों के स्टाम्प चोरी की जांच शुरू, जानिए पूरा मामला Moradabad news

बरेली-मुरादाबाद एक्सप्रेस-वे के साथ ही नवनिर्मित मुरादाबाद-अलीगढ़ हाईवे पर बिलारी में बनाए गए टोल प्लाजा के दस्तावेजों की जांच स्टाम्प एवं निबंधन विभाग ने शुरू कर दी है।

By Narendra KumarEdited By: Published: Thu, 26 Sep 2019 08:49 AM (IST)Updated: Thu, 26 Sep 2019 09:10 AM (IST)
टोल प्लाजा में करोड़ों के स्टाम्प चोरी की जांच शुरू, जानिए पूरा मामला Moradabad news
टोल प्लाजा में करोड़ों के स्टाम्प चोरी की जांच शुरू, जानिए पूरा मामला Moradabad news

मुरादाबाद: बरेली-मुरादाबाद एक्सप्रेस-वे के साथ ही नवनिर्मित मुरादाबाद-अलीगढ़ हाईवे पर बिलारी में बनाए गए टोल प्लाजा के दस्तावेजों की जांच स्टाम्प एवं निबंधन विभाग ने शुरू कर दी है। बुधवार को स्टाम्प एवं निबंधन विभाग के एआइजी मुकेश कुमार श्रीवास्तव ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों से बातचीत करके दोनों टोल प्लाजा के अनुबंध पत्र के साथ ही अन्य दस्तावेजों की कॉपी मांगी है। इनकी जांच के बाद ही 25 करोड़ रुपये से ज्यादा की स्टाम्प चोरी का मामला पकड़ में आ सकता है। 

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शासन ने दिए हैं जांच के आदेश 

बीते तीन सालों से बरेली-मुरादाबाद एक्सप्रेस-वे के अधिकारी इस मामले को दबाकर बैठे थे,लेकिन अब शासन के आदेश के बाद इस मामले की जांच शुरू हो चुकी है। जांच के दायरे में बिलारी मार्ग पर स्थापित  टोल प्लाजा की भी जांच की जाएगी। गौरतलब है कि प्रतिदिन लाखों रुपये की टैक्स वसूलने वाले दोनों प्लाजा में  स्टाम्प की कमी का मामला जांचने के आदेश शासन ने दिए हैं। गुरुवार को स्टाम्प एवं निबंधन विभाग की टीम राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के दफ्तर में सभी दस्तावेजों को संकलित करने का काम करेगी। 

15 किमी में सवा सौ की पर्ची

बरेली-मुरादाबाद एक्सप्रेस-वे में टोल के बढ़े दाम हमेशा से स्थानीय लोगों के लिए सिरदर्द बना रहा है। कई बार टोल प्लाजा पर किसानों के द्वारा प्रदर्शन किए गए हैं,लेकिन छूट को लेकर कोई विशेष कदम नहीं उठाए गए। गौरतलब है इस टोल प्लाजा का सबसे ज्यादा असर स्थानीय लोगों की जेब पर पड़ता है। टोल प्लाजा से रामपुर की दूरी लगभग 15 किमी ,लेकिन यहां से गुजरने वाले वाहनों को रामपुर जाने के लिए  भी सवा सौ रुपये की पर्ची एक तरफ की कटवानी पड़ती है। हालांकि टोल प्रबंधन स्थानीय लोगों को पास सुविधा देने की बात कहता है। लेकिन अगर किसी को हफ्ते या महीने में आना-जाना हो तो भी उसके लिए टोल पर्ची किराए से भी ज्यादा की लगती है। इन सभी मामलों में टोल प्रबंधन अधिकारी चुप्पी साधे बैठे हुए हैं। कोई भी अधिकारी या कर्मचारी खुलकर बोलने को तैयार नहीं है। हालात यह हैं कि कोई फोन उठाकर भी इस मामले में जवाब नहीं देना चाहता है।

पारदर्शिता से होगी जांच 

एआइजी स्टांप एवं निबंधन मुकेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों से बरेली-मुरादाबाद एक्सप्रेस-वे और बिलारी टोल प्लाजा के सभी दस्तावेज मांगे गए हैं। पूरी पारदर्शिता और नियम के अनुसार जांच की जाएगी। मामला राजस्व से जुड़ा है। इसको लेकर किसी भी प्रकार की कोताही न बरतने के निर्देश शासन स्तर पर दिए गए हैं। 


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