Indian Railways : रेलवे की नौ परियोजनाओं पर सर्वे टीम ने जताई आपत्ति, तीन पर सहमति
Survey of railway projects सर्वे टीम ने नजीबाबाद से कोटद्वार तक दोहरी रेलवे लाइन के लिए 24 किलोमीटर तक सर्वे किया है। इस पर 225 करोड़ की लागत आने का अनुमान लगाया गया है। इस परियोजना से रेलवे को 14.15 फीसद का नुकसान हो सकता है।
मुरादाबाद (प्रदीप चौरसिया)। Survey of railway projects। उत्तर प्रदेश की सीमा से लेकर और उत्तराखंड के पहाड़ों तक रेलवे की नई परियोजना सर्वे में दम तोड़ रहींं हैंं। पांच साल के सर्वे में नौ नई रेलवे लाइन की परियोजनाओं पर सर्वे टीम ने सहमति नहीं जताई। इसके पीछे कई कारण है। इनमें से प्रमुख वजह यह है कि ये लाभ वाली परियोजनाएं नहीं हैं। राठी साहिब समेत तीन नई रेलवे लाइन पर सर्वे टीम ने सहमति जताई है।
जनप्रतिनिधियों के अनुरोध या रेलवे अधिकारियों द्वारा भेजे गए नई रेल लाइन के प्रस्ताव पर रेल प्रशासन सर्वे कराती है। रेलवे की सर्वे करने वाली टीम का कार्यालय दिल्ली के कश्मीरी गेट पर स्थित है। वित्तीय वर्ष 2014-2015- से वित्तीय वर्ष 2019-2020 तक 11 नई रेलवे लाइन और एक दोहरीलाइन का प्रस्ताव था। सभी प्रस्ताव उत्तर प्रदेश की सीमा क्षेत्र से शुरू होकर उत्तराखंड के पहाड़ों के विभिन्न क्षेत्रों के हैंं। सर्वे टीम ने सर्वे करने का काम लगभग पूरा कर लिया है।
तीन रेलवे लाइन पर सहमति जताई
सर्वे टीम ने तीन रेलवे लाइन पर सहमति जताई है। हल्द्वानी से रीठा साहिब तक 66 किलोमीटर है। इसमें 3762 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। राठी साहिब धार्मिक स्थल है। यहां पर्यटक काफी पहुंचेंगे। इसी तरह देहरादून-उत्तरकाशी तक 83 किलोमीटर नई रेलवे लाइन डाली जानी है। इस पर 4653 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। काशीपुर से धामपुर तक 57 किलोमीटर नई रेल लाइन का प्रस्ताव है। इसके निर्माण पर 1281 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।
नौ नए रेल मार्ग पर नहीं मिली सहमति
सर्वे की टीम ने रामनगर-चौखुटिया तक 212 किलोमीटर रेल मार्ग के निर्माण पर 13141 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान लगाया है। इस परियोजना को शुरू करने पर रेलवे को 7.56 फीसद का नुकसान हो सकता है। टीम ने इस परियोजना पर सहमति नहीं दी है। इसी तरह से टनकपुर से जोलजिवी तक 107 किलोमीटर, लागत 6276 करोड़, पिलखानी से कलसी तक 90 किलोमीटर, लागत 1800 करोड़, देहरादून से कलसी तक 47 किलोमीटर-लागत 5278 करोड़, देहरादून से पुरोला तक 120 किलोमीटर-लागत 7760 करोड़, हल्द्वानी से चोरगलिया तक 21 किलोमीटर-लागत 483 करोड़, देहरादून से सहारनपुर तक 80 किलोमीटर-लागत 4829 करोड, नगीना से अफजलगढ़ तक 72 किलोमीटर-लागत 1567 करोड़ का अनुमान है। सर्वे टीम ने सभी परियोजना को 6 से 10 फीसद तक नुकसान वाला बताया है। इसी कारण से इस परियोजना पर अपनी सहमति नहीं दी है।
सहायक वाणिज्य प्रबंधक नरेश सिंह ने बताया कि सर्वे टीम ने सर्वे कर अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। कुछ परियोजना पर असहमति जतायी है, कुछ परियोजना पर सहमति जतायी है। अंतिम फैसला रेलवे बोर्ड व सरकार को लेना है।