Indian Railways : रेल यात्री अब कम समय में पहुंच सकेंगे लखनऊ, ट्रेनों की गति हो गई दोगुनी
Increase in speed of trains मुरादाबाद से लखनऊ या अन्य जगहों पर जाने के लिए अब ट्रेनों में ज्यादा देर तक नहीं बैठना होगा। दरअसल रेलवे के प्रयास से अब ट्रेनों की स्पीड पहले से बेहतर हो गई है।
मुरादाबाद, जेएनएन। Increase in speed of trains। रेलवे की तकनीकी टीम की मेहनत रंग लाई है। हाई स्पीड रेलवे लाइन डाले बिना ट्रेनों की गति अब दोगुनी हो गई है। मुरादाबाद से ट्रेनें साढ़े पांच घंटे के स्थान पर चार से साढ़े चार घंटे में ही लखनऊ पहुंच रहीं हैं।
लॉकडाउन में ट्रेनें बंद थीं। अधिकांश रेलवे कर्मचारी और आम जन घरों में दुबके हुए थे। इस दौरान रेलवे के इंजीनिरिंग विभाग के अधिकारी और तकनीकी टीम को यह चिंता थी कि कमजोर रेलवे लाइनों को कैसे बदला जाए और ट्रेनों को 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार में कैसे चलाया जाए। बिना हाई स्पीड रेलवे लाइन डाले ही ट्रेनों को कम समय में गंतव्य तक पहुंचाने की चिंंता थी। रेलवे अधिकारी सीमित संसाधन में जर्जर और पुरानी रेलवे लाइनों को बदलने में जुट गए। स्लीपर व रेललाइन की कमी होने पर दूसरे स्थान से मंगा कर बदलने का काम जारी रखा गया। इस काम में बाहरी श्रमिकों को नहीं लगाया गया। नौ माह में रेलवे की टीम ने 150 किलोमीटर जर्जर रेललाइन को बदलने और उनकी मरम्मत करने का काम किया। रेललाइन से गतिरोध हटाया। इसका नतीजा यह हुआ कि सहारनपुर से लखनऊ और मुरादाबाद से गाजियाबाद रेल मार्ग पर ट्रेनों की औसत गति 30.07 से बढ़ाकर 49.75 किलोमीटर प्रति घंटा हो गई। इससे क्लोन और कोविड स्पेशल ट्रेनें मुरादाबाद से लखनऊ साढ़े पांच घंटे के स्थान पर चार से साढ़े चार घंटे में पहुंच रहीं हैं। रेलवे खर्च कम करने के लिए मालगाड़ी और ट्रेन को डीजल इंजन के बजाय इलेक्ट्रिक इंजन से चला रहा है। पिछले साल से 9.39 फीसद इलेक्ट्रिक इंजन अधिक चलाई गईं हैं। सहायक वाणिज्य प्रबंधक नरेश सिंह ने बताया कि रेलवे की मरम्मत कर ट्रेनों की औसत गति 49.75 किलोमीटर प्रति घंटा हो गई है।