Indian Railways : पैसेंजर ट्रेनें भी हो जाएंगी सुपरफास्ट, यात्रियों को मिलेगी सुविधा, रेल मंडल ने मुख्यालय को भेजा प्रस्ताव
Railway Passenger Train MEMU Operations Plan मुरादाबाद रेल मंडल 30 जोड़ी पैसेंजर ट्रेनों के स्थान पर मेमू चलाने की योजना तैयार की गई है। रेल मंडल ने इसका प्रस्ताव भी भेज दिया है। अनुमति मिलते ही इस पर अमल शुरू कर दिया जाएगा।
मुरादाबाद [प्रदीप चौरसिया]। Railway Passenger Train MEMU Operations Plan : रेलवे पैसेंजर ट्रेन को सुपरफास्ट बनाने जा रहा है, बिना गति बढ़ाए ही कम समय में ट्रेनें गंतव्य तक पहुंच जाएंगी। इसके लिए विद्युतीकरण का काम पूरा होने वाले क्षेत्रों में पैसेंजर ट्रेन के स्थान पर मेन लाइन इलेक्ट्रिक मल्टीपुल यूनिट (मेमू) ट्रेन को चलाया जाएगा। इससे यात्रियों के साथ रेलवे को भी लाभ मिलेगा।
मुरादाबाद रेल मंडल में 30 जोड़ी पैसेंजर ट्रेनों के स्थान पर मेमू चलाने का प्रस्ताव है। रेल प्रशासन खर्च में कटौती करने, कम स्टाफ में अधिक ट्रेन चलाने, दैनिक यात्रियों को कम समय में गंतव्य तक पहुंचाने के लिए योजना तैयार की है। देश के अधिकांश क्षेत्रों में रेलवे ने विद्युतीकरण का काम पूरा कर लिया है। योजना के अनुसार इन क्षेत्रों में पैसेंजर ट्रेन को हटाकर मेमू चलाई जाएगी। पैसेंजर ट्रेन चलाने में दो चालक की आवश्यकता होती है, जबकि मेमू चलाने में एक चालक की आवश्यकता होती है। रेलवे कम चालक में अधिक ट्रेनें चला पाएगा। मेमू को रोकने में कम समय लगता है और चलने पर बहुत जल्द गति पकड़ लेती है। इसी कारण सभी स्टेशनों पर रुकने के बाद भी मेमू कम समय में गंतव्य स्थान तक पहुंच जाती है। मेमू के कोच में अधिक यात्रियों के भी सफर करने की सुविधा होती है। सभी कोच आपस में जुड़े रहते है। टिकट चेकिंग स्टाफ सभी यात्रियों की आसानी से टिकट भी चेकिंग कर सकते हैं। इस योजना के तहत मुरादाबाद मंडल से मेमू चलाने का प्रस्ताव मुख्यालय भेजा गया है। रेल मंडल में 51 जोड़ी पैसेंजर ट्रेनें चलती हैं।
इन रेलवे मार्ग पर चलेगी मेमू
30 जोड़ी पैसेंजर ट्रेन के स्थान पर मेमू चलाने की योजना है। इसमें प्रमुख रूप से चन्दौसी-मुरादाबाद, मुरादाबाद-गजरौला, गजरौला-नजीबाबाद, रोजा-बरेली, देहरादून-सहानपुर, ऋषिकेश-हरिद्वार, कोटद्वार-नजीबाबाद पैसेंजर शामिल हैं। इसके साथ ही सहारनपुर-लखनऊ पैसेंजर को स्थायी रूप से बंद करने की योजना है। इस ट्रेन को चलाने में रेलवे का खर्च ज्यादा होता है। मेमू चलाने पर यात्रा समाप्त वाले स्टेशन पर इंजन बदलने की आवश्यकता नहीं होगी। मेमू में आगे पीछे इंजन लगा होता है। इससे मेमू के गंतव्य स्थान पर पहुंचने के बाद कुछ मिनट में वापस भी चलाई जा सकती है। सहायक वाणिज्य प्रबंधक नरेश सिंह ने बताया कि पैसेंजर ट्रेन के स्थान पर विद्युतीकरण वाले मार्ग पर मेमू ट्रेन चलाई जानी प्रस्तावित है। मुख्यालय का आदेश मिलते ही मेमू ट्रेन को चलाया जाएगा।
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