Indian Railways : अब बिना मेडिकल परीक्षण और रिफ्रेशमेंट कोर्स के कर्मचारी चलाएंगे ट्रेन, रेलवे की ये है तैयारी
कोरोना की तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए रेल कर्मियों के मेडिकल परीक्षण व रिफ्रेशमेंट कोर्स पर 31 जुलाई तक रोक लगा दी है। इसके अलावा ट्रेनिंग स्कूल भी बंद कर दिए गए हैं। रेलवे कर्मचारी अब बिना मेडिकल परीक्षण व रिफ्रेशमेंट कोर्स के ही ट्रेनों का संचालन करेंगे।
मुरादाबाद, प्रदीप चौरसिया। रेलवे ने कोरोना की तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए रेल कर्मियों के मेडिकल परीक्षण व रिफ्रेशमेंट कोर्स पर 31 जुलाई तक रोक लगा दी है। इसके अलावा ट्रेनिंग स्कूल भी बंद कर दिए गए हैं। रेलवे कर्मचारी अब बिना मेडिकल परीक्षण व रिफ्रेशमेंट कोर्स के ही ट्रेनों का संचालन करेंगे।
रेल प्रशासन ने सुरक्षित ट्रेनों के संचालन के लिए नियम बनाए हुए हैं। दुर्घटना रोकने के लिए ट्रेन संचालन से जुड़े कर्मचारियों को प्रत्येक दो साल में चिकित्सकीय परीक्षण किया जाता है। इसमें देखने व सुनने की शक्ति की विशेष रुप से जांच की जाती है। इसके अलावा अन्य परीक्षण भी किया जाता है। इसी तरह से एक साल पर रेल कर्मियों को ट्रेन संचालन के नियम की फिर से जानकारी के लिए रिफ्रेशमेंट कोर्स कराया जाता है। जिससे कर्मचारी नियम के अनुसार ट्रेनों का संचालन कर सकें। रेलवे के नियम के अनुसार समय पूरा होते ही रेलवे कर्मियों को ट्रेन संचालन के कार्य से हटा दिया जाता है, कर्मियों का मेडिकल परीक्षण कराने व रिफ्रेशमेंट कोर्स कराने के बाद ट्रेन संचालन का कार्य कराया जाता है। माना जा रहा है कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर जुलाई के मध्य से शुरू हो सकती है। रेलवे बोर्ड ने इसी संभावना को देखते हुए मेडिकल परीक्षण व रिफ्रेशमेंट कोर्स पर रोक लगा दी है। 28 जुलाई को रेलवे बोर्ड के निदेशक विद्युत (चल स्टॉक) किशोर वैभव और उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक (कर्मिक) रामकुमार शर्मा ने पत्र जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि कोरोना संक्रमण के कारण 31 जुलाई तक मेडिकल परीक्षण व रिफ्रेशमेंट कोर्स पर रोक लगा दी गई है। इसके बिना भी कर्मियों से काम कराने का आदेश दिया है। इसी के साथ ट्रेनिंग स्कूल बंद कर दिया गया है। मेडिकल परीक्षण व रिफ्रेशमेंट कोर्स प्रमुख रूप से चालक, गार्ड, स्टेशन मास्टर, गेटमैन को दिया जाता है, इसके अलावा अन्य कर्मियों का मेडिकल परीक्षण किया जाता है।
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