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Indian Railways : बालामऊ-उन्नाव रेल मार्ग पर अंग्रेजों के जमाने के स‍िस्‍टम से दौड़ेंगी इलेक्ट्रिक ट्रेनें

बालामऊ-उन्नाव मार्ग पर इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेनें दौड़नी शुरू हो जाएंगी। लेकिन ट्रेन संचालन के नियम अंग्रेजों के जमाने का ही रहेगा। चालक को प्रत्येक स्टेशन पर टोकन लेना अनिवार्य होगा। बालामऊ-ऊन्नाव मार्ग पर विद्युतीकरण का काम लगभग पूरा हो चुका है।

By Narendra KumarEdited By: Published: Tue, 02 Mar 2021 04:44 PM (IST)Updated: Tue, 02 Mar 2021 04:44 PM (IST)
Indian Railways : बालामऊ-उन्नाव रेल मार्ग पर अंग्रेजों के जमाने के स‍िस्‍टम से दौड़ेंगी इलेक्ट्रिक ट्रेनें
पांच मार्च के बाद बालामऊ-उन्नाव मार्ग पर से इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेनें दौड़ेंंगी।

मुरादाबाद [प्रदीप चौरसिया]। एक सप्ताह बाद बालामऊ-उन्नाव मार्ग पर इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेनें दौड़नी शुरू हो जाएंगी। लेकिन ट्रेन संचालन के नियम अंग्रेजों के जमाने का ही रहेगा। चालक को प्रत्येक स्टेशन पर टोकन लेना अनिवार्य होगा। हालांकि आधुनिक सिग्नल सिस्टम के लिए इस बार बजट में फंड उपलब्ध कराया गया है।

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रेलवे मंत्रालय का लक्ष्य है कि वर्ष 2023 तक देश भर के सभी रेलवे मार्ग का विद्युतीकरण कर दिया जाए, जिससे ट्रेनें डीजल इंजन के बजाय इलेक्ट्रिक इंजन से चलाई जा सकें। मुरादाबाद रेल मंडल के अधिकांश रेलवे मार्ग पर विद्युतीकरण हो चुका है। बालामऊ-ऊन्नाव मार्ग पर विद्युतीकरण का काम लगभग पूरा हो चुका है। पांच मार्च को कमिश्नर रेलवे आफ सेफ्टी (सीआरएस) निरीक्षण करेंगे। सब कुछ ठीक रहा तो छह मार्च से बालामऊ ऊन्नाव रेल मार्ग पर इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन चलनी शुरू हो जाएगी। इस मार्ग पर आधुनिक इंजन से ट्रेनें चलेंंगी, लेकिन ट्रेन संचालन के नियम आज भी अंगेजों के जमाने वाला ही है। प्रत्येक स्टेशन पर चालक को टोकन लेकर गुजरना पड़ेगा।

यह है टोकन सिस्टम 

बालामऊ उन्नाव रेल मार्ग सौ साल से अधिक पुराना रेल मार्ग है। इस मार्ग पर नौ सिस्टम हैंं। अंग्रेजों के जमाने में आधुनिक सिग्नल सिस्टम नहीं थे, ट्रेन दुर्घटना रोकने के लिए टोकन सिस्टम होता था। चालक को चलती ट्रेन से टोकन लेना पड़ता था और पिछले स्टेशन से मिला टोकन देना पड़ता था। अगर चालक चलती ट्रेन से टोकन नहीं ले पाता है तो ट्रेन रोककर टोकन लेना पड़ता है। इस व्यवस्था से ट्रेन दुर्घटना होने की संभावनाएं कम होती है। देश भर में टोकन सिस्टम लगभग खत्म हो चुका है। इसके स्थान पर प्रत्येक स्टेशन पर आधुनिक सिग्नल व इंटरलाकिंग सिस्टम लगाए गए हैं। टोकन देने वाले कर्मचारी टोकन पोर्टर का पद समाप्त हो चुका है। मुरादाबाद रेल मंडल में अभी कुछ टोकन पोर्टर कार्यरत हैंं।

बालामऊ-उन्नाव रेल मार्ग कुछ साल पहले तक उपेक्षित रेल मार्ग था, अब इस मार्ग से माल ढुलाई की जानी है, इसलिए रेलवे ध्यान देना शुरू कर दिया है। अगले वित्तीय वर्ष के लिए बालामऊ ऊन्नाव रेल मार्ग के नौ स्टेशन से टोकन सिस्टम के स्थान आधुनिक सिग्नल व इंटरलाकिंग सिस्टम लगाए जाने हैं। जब तक नया सिस्टम नहीं लग जाता है, तब तक मालगाड़ी व ट्रेन टोकन सिस्टम पर चलेगा।

मंडल रेल प्रबंधक तरुण प्रकाश ने बताया कि बालामऊ-उन्नाव रेल मार्ग पर विद्युतीकरण का सीआरएस निरीक्षण करेंगे, उसके बाद इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन संचालन शुरू हो जाएगा। इस मार्ग से नौ स्टेशन पर टोकन सिस्टम के स्थान पर आधुनिक सिस्टम मार्च 2022 तक लगाने का लक्ष्य है।


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