Indian Railways : बजट के अभाव में रेलवे ने मुरादाबाद-चन्दौसी-बरेली दोहरीकरण का सर्वे कार्य रोका
बजट के अभाव में मुरादाबाद-चन्दौसी-बरेली दोहरीकरण सर्वे का काम रोक दिया गया है। जबकि रेल मंडल के हरिद्वार-रायवाला-ऋषिकेश दोहरी लाइन का सर्वे शुरू हो गया है। इसी चालू वित्तीय वर्ष में बरेली-रोजा के बीच तीसरी लाइन के लिए सर्वे किया जाना प्रस्तावित है।
मुरादाबाद [प्रदीप चौरसिया]। बजट के अभाव में मुरादाबाद-चन्दौसी-बरेली दोहरीकरण सर्वे का काम रोक दिया गया है। जबकि, रेल मंडल के हरिद्वार-रायवाला-ऋषिकेश दोहरी लाइन का सर्वे शुरू हो गया है। इसी चालू वित्तीय वर्ष में बरेली-रोजा के बीच तीसरी लाइन के लिए सर्वे किया जाना प्रस्तावित है।
मुरादाबाद रेल मंडल को मिनी फ्रेट कारीडोर बनाने के लिए वित्तीय वर्ष में 2018-19 के बजट में मुरादाबाद-चन्दौसी-बरेली रेल मार्ग को दोहरीकरण की स्वीकृति दी थी। इस काम को तेजी से कराने के उद्देश्य से वर्ष 2020 में इस मार्ग पर दिल्ली की टीम द्वारा सर्वे किया जाना था। कोरोना संक्रमण फैलने और लाकडाउन के कारण सर्वे शुरू नहीं हो पाया। ट्रेनों का संचालन बंद होने से रेलवे की आर्थिक स्थिति खराब हो गई। मार्च 2021 में कोरोना की दूसरी लहर शुरू हो जाने के बाद फिर से काफी ट्रेनों को बंद करना पड़ा। चारधाम रेल मार्ग से बेस स्टेशन योगनगरी तक दोहरीलाइन का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। इसके लिए हरिद्वार से ऋषिकेश तक सर्वे किया जाना है। इसके अलावा बरेली से रोजा तक तीसरी लाइन का सर्वे प्रस्तावित है। इससे अधिक से अधिक मालगाड़ी चलाई जा सकें। कोरोना संक्रमण में ट्रेनों का संचालन बंद होने से रेलवे की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है। किसी प्रस्तावित कार्य को शुरू करने के लिए पहले सर्वे कार्य कराया जाए, इसको लेकर रेलवे बोर्ड के अधिशासी निदेशक परियोजना ने 31 मार्च को बैठक बुलाई गई थी। इसमें मुरादाबाद-चन्दौसी-बरेली दोहरीकरण का सर्वे का काम स्थगित कर दिया है। बजट की व्यवस्था होने के बाद सर्वे का कार्य कराया जाएगा। इसके कारण से यह कार्य पिछड़ गया है। बैठक में मुरादाबाद रेल मंडल का हरिद्वार-रायवाला-ऋषिकेश तक दोहरीकरण व बरेली-रोजा के तीसरी लाइन का सर्वे करने का फैसला लिया है। दिल्ली की टीम ने सोमवार से हरिद्वार-रायवाला-ऋषिकेश रेल मार्ग का सर्वे शुरू कर दिया है। माना जा रहा है कि इसके बाद बरेली-रोजा का सर्वे किया जाएगा। सर्वे रिपोर्ट के आधार पर योजना का विस्तृत रिपोर्ट बनाया जाएगा, उसके बाद निर्माण कार्य शुरू करने की स्वीकृति दी जाती है।