Indian Railway : अब शीशे वाली बोगी में करें सफर, देखें पहाड़ और जंगली जानवर, शताब्दी एक्सप्रेस में लगेंगे विस्टाडोम कोच
Vistadome coach on the train विस्टाडोम कोच के अंदर से राजाजी नेशलन पार्क का नजारा देख पाएंगे यात्री। इस कोच में सवार होने के लिए देना पड़ेगा ज्यादा किराया। आय बढ़ाने के लिए रेलवे की ओर से उठाया जा रहा है यह कदम।
मुरादाबाद (प्रदीप चौरसिया)।Vistadome coach on the train। दिल्ली से नैनीताल या देहरादून जाने वाली ट्रेन के यात्री अब कोच के अंदर से ऊंचे-ऊंचे पहाड़ और राजाजी नेशनल पार्क में हाथी आदि जंगली जानवरों को देख पाएंगे। रेलवे काठगोदाम व देहरादून शताब्दी में विस्टाडोम कोच (शीशे से बनी हुई छत और खिड़की वाले कोच) लगाने जा रहा है।
कोरोना संक्रमण के कारण रेलवे की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है। रेलवे आय बढ़ाने के लिए मालगाड़ी चला रहा है। कोरोना संक्रमण के कारण कुछ ट्रेनें ही अभी चलाई जा रही है। रेलवे ने यात्रियों को सुविधा उपलब्ध कराकर अधिक आय अर्जित करने की योजना तैयार की है। इसके तहत हमसफर एक्सप्रेस के कोच से क्लोन ट्रेन चलाई जा रही है। इसका किराया अधिक है। अब नई दिल्ली से देहरादून जाने वाली शताब्दी एक्सप्रेस में विस्टाडोम कोच (शीशे से बनी हुई छत और खिड़की वाले कोच) लगाए जाएंगे। इस कोच की छत व खिड़की शीशे की बनी होती है। कोच के अंदर बैठे यात्री बाहर के दृश्य को आसानी से देख सकते हैं। इस तरह के कोच शिमला-कालका के बीच चलने वाली स्पेशल ट्रेन में लगाई गई है।
कोच में बैठ सकते हैं इतने यात्री
नई दिल्ली से काठगोदाम जाने वाली शताब्दी एक्सप्रेस पहाड़ों और जंगलों के बीच से गुजरती है। इस कोच में बैठने वाले यात्री ऊंचे-ऊंचे पहाड़ और जंगली जानवर देख पाएंगे। इसी तरह से नई दिल्ली से देहरादून जाने वाली शताब्दी एक्सप्रेस भी लक्सर के बाद पहाड़ों के बीच से गुजरती है। हरिद्वार से देहरादून तक ट्रेन राजाजी नेशनल पार्क से होकर गुजरती है। ट्रेन के अंदर बैठे यात्री राजा जी नेशनल पार्क में विचरण करने वाले हाथी व अन्य जानवरों को आसानी से देख सकते हैं। इस कोच में 20 यात्री के बैठने की व्यवस्था होती है। इसलिए इसका किराया भी अधिक लिया जाता है।
सहायक वाणिज्य प्रबंधक नरेश सिंह ने बताया कि नई दिल्ली से काठगोदाम व देहरादून जाने वाली शताब्दी एक्सप्रेस में एक-एक विस्टाडोम कोच लगाया जाएगा। मांग बढ़ने पर कोच की संख्या बढ़ाई जा सकती है।