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शादी में होने वाले फिजूलखर्ची रोकने के लिए लोगों को जागरूक करेगा ये संगठन, जानिये कैसे

Unnecessary expenses in marriage रविवार को आल इंडिया सैन महासंघ ट्रस्ट की वीडियो कांफ्रेंस के जरिए अमरोहा जनपद के गजरौला में बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें निर्णय लिया गया कि शादियों में होने वाले फिजूल खर्चों को रोका जाए और लोगों को इसके प्रति जागरूक भी हों।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Mon, 22 Nov 2021 09:15 AM (IST)Updated: Mon, 22 Nov 2021 09:15 AM (IST)
शादी में होने वाले फिजूलखर्ची रोकने के लिए लोगों को जागरूक करेगा ये संगठन, जानिये कैसे
शादियों में होने वाले फिजूल खर्चों को रोका जाए और लोगों को इसके प्रति जागरूक भी हों।

मुरादाबाद, जेएनएन। Unnecessary expenses in marriage : रविवार को आल इंडिया सैन महासंघ ट्रस्ट की वीडियो कांफ्रेंस के जरिए अमरोहा जनपद के गजरौला में बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें निर्णय लिया गया कि शादियों में होने वाले फिजूल खर्चों को रोका जाए और लोगों को इसके प्रति जागरूक भी हों। बैठक में राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष गिरधारी लाल सैन ने कहा कि आजकल सभी समाजों में शादी विवाह में अपनी झूठी शान दिखाने के लिए लोग अपनी हैसियत से ज्यादा खर्च कर बैंक आदि से लोन लेकर कर्ज के बोझ में दबे रहते है।

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परिवार के अन्य विकास कार्य रूक जाते हैं। इसलिए हम सबकर मिलकर खर्चीली शादियों पर रोक लगाने के लिए मिलजुल कर प्रयत्न करने चाहिए। राष्ट्रीय प्रभारी महासचिव मनमोहन सिंह सैन ने कहा कि मृत्यु भोज एक बहुत बड़ी कुरीति समाज में व्याप्त है। जो कि केवल इस अंधविश्वास पर सदियों से चला आ रहा है। इसलिए मृत्यु भोज बंद करने का निर्णय लेना चाहिए। यहां पर राजबहादुर वर्मा, महेश वर्मा, राजकुमार गवली, नीलम श्रीवास्तव, सुमन श्रीवास्तव, प्रेमलता सैन, अनिल दत्त शास्त्री,रामभज सैन, शोभा पांडे, सुन्दर सिंह सैन, सुरेश चंद्र शर्मा,उद्धव कुमार सैन आदि ने विचार रखें।

इंसानियत के पैरोकार थे शेख अब्दुल कादिर जीलानी : आलिमेदिन मुफ्ती तौहीद रजा ने कहा कि हजरत शेख अब्दुल कादिर जिलानी (रह) की पूरी जिंदगी इंसानियत की खिदमत में गुजरी। अल्लाह से लौ लगाकर आपने दुनिया को मोहब्बत का पैगाम दिया, जिसपर अमल करने की जरूरत है।शनिवार की रात मुहल्ला बसावन गंज स्थित छोटी मस्जिद में जश्ने गौसुलवरा शीर्षक0 से जलसे का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता मुफ्ती शाहिद हुसैन अजमली व संचालन मौलाना तनवीर उल कादरी ने किया। शुरुआत कलामे इलाही की तिलावत से कारी मोहम्मद कासिम ने की।

नात शरीफ का नजराना मोहम्मद ताहिर कादरी, फहीम रजा व मोहम्मद कौसर ने पेश किया। मुफ्ती तौहीद रजा ने लोगों से बुराइयों से बचकर नेक आमाल करने की सीख दी। आखिर में सलात-ओ-सलाम के बाद मुफ्ती शाहिद हुसैन अजमली ने मुल्क में अमन-चैन के लिए दुआ कराई। इस दौरान हाजी सलाहउद्दीन अंसारी, मौलाना आफताब उद्दीन, अजीम अंसारी, अनवर सैफी, मोहम्मद यामीन आदि मौजूद रहे।


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