मुरादाबाद के चर्चित कांठ विवाद मामले में सभी पक्षों की जिरह पूरी, चार जनवरी को आ सकता है फैसला
महापंचायत को रोकने के लिए पहुंचे पुलिस और प्रशासन के अफसरों की महापंचायत में आए लोगों से भिड़त हो गई थी। पत्थरबाजी की घटना में दोनों तरफ के लोग चोटिल हुए थे। इस दौरान तत्कालीन जिलाधिकारी चंद्रकांत भी घायल हो गए थे।
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। कांठ विवाद मामले में सभी पक्षों की जिरह पूरी होने के बाद शुक्रवार को फैसला आना था, लेकिन अज्ञात कारणों से फैसला नहीं आ सका। कोर्ट ने इस मामले में फैसले के लिए चार जनवरी 2022 की तारीख दी है।
कांठ थाना क्षेत्र के गांव अकबरपुर चेंदरी गांव में साल 2014 में मंदिर से लाउडस्पीकर उतारने को लेकर विवाद हो गया था। इस मामले को लेकर भाजपा नेताओं ने गांव में महापंचायत बुलाई थी। महापंचायत को रोकने के लिए पहुंचे पुलिस और प्रशासन के अफसरों की महापंचायत में आए लोगों से भिड़त हो गई थी। पत्थरबाजी की घटना में दोनों तरफ के लोग चोटिल हुए थे। इस दौरान तत्कालीन जिलाधिकारी चंद्रकांत भी घायल हो गए थे। इस मामले में कांठ थाना पुलिस ने तीन अलग-अलग मुकदमों में ढाई सौ से अधिक भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को आरोपित बनाया था। इसी मुकदमे में पंचायती राज मंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह के साथ ही नगर विधायक रितेश गुप्ता आरोपित हैं। इस मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रही है। बीते 22 दिसंबर को दोनों पक्षों की बहस पूरी हो गई थी। आरोपित पक्ष के वरिष्ठ अधिवक्ता सुधीर गुप्ता ने बताया कि शुक्रवार को पंचायतराज मंत्री व नगर विधायक कोर्ट में पेश हुए थे। लेकिन अज्ञात कारणों के कारण इस मामले में फैसला नहीं आ सका। कोर्ट ने इस मामले में कोर्ट ने फैसले के लिए चार जनवरी की तारीख दी है।
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