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UP Panchayat Chunav 2021 : घरों के अंदर ही सिमटी पंचायत चुनाव की दावेदार, जानिये बाहर कौन कर रहा इनका प्रचार

UP Panchayat Chunav 2021 ग्रामीण क्षेत्रों में भी महिलाओं को घूंघट की ओट से बाहर निकालकर सशक्त बनाने को सरकार प्रयासरत है। इसी के चलते त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में कुल 597 सीटों पर दो सौ सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। इसके बावजूद महिलाएं नजर नहीं आ रहीं।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Tue, 06 Apr 2021 08:38 PM (IST)Updated: Tue, 06 Apr 2021 08:38 PM (IST)
UP Panchayat Chunav 2021 : घरों के अंदर ही सिमटी पंचायत चुनाव की दावेदार, जानिये बाहर कौन कर रहा इनका प्रचार
पंचायत चुनाव में महिलाएं प्रत्याशी तो बन गईंं पर प्रचार के लिए बाहर नहीं निकल रहीं।

मुरादाबाद, (राशिद चौधरी)।UP Panchayat Chunav 2021 : ग्रामीण क्षेत्रों में भी महिलाओं को घूंघट की ओट से बाहर निकालकर सशक्त बनाने को सरकार प्रयासरत है। इसी के चलते त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में कुल 597 सीटों पर लगभग दो सौ सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित कर दी गई हैं। इसके बावजूद चुनावी समर में महिलाएं नजर नहीं आ रहीं। उनकी चुनावी कमान उनके पति या अन्य स्वजनों ने ही संभाल रखी है। इससे साफ है कि परंपरागत रूप से महिला सीट पर जीत के बावजूद अधिकारों की कमान उनके पति या अन्य स्वजनों के पास ही रहेगी।

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इस बार भी पंचायत चुनाव को जारी की गई प्रशासनिक सूची में महिलाओं को आरक्षण के हिसाब से ग्राम प्रधान से लेकर अन्य पदों पर भागीदारी दी गई है। लेकिन, चुनाव प्रचार में अभी महिला उम्मीदवार दिखाई नहीं दे रही हैं। आरक्षित सीट वाले गांवों में दावेदार महिलाओं के पति व स्वजन ही चुनावी प्रचार में जुटे हैं। संबंधित महिला दावेदार की शक्ल तक मतदाता नहीं पहचानते। ऐसे में ग्रामीण यह सवाल भी उठा रहे हैं कि जब महिला आरक्षित सीट पर भी पुरुषों का वर्चस्व कायम है तो फिर आरक्षण की व्यवस्था का क्या लाभ होगा। इस संबंध में चुनाव प्रचार में जुटे महिला दावेदारों से जब इस संबंध में सवाल किया गया तो उनका जवाब है कि समय आने पर दावेदार भी मतदाताओं के सामने आ जाएंगी।

वोट रिझाने को शराब, कबाब का सहारा

आजादी के 74 साल बाद जहां देश आधुनिकता की चकाचौंध में चांद पर दुनिया बसाने की सोच रहा है। ऐसे दौर में प्रधान की कुर्सी पर बैठने जा रहे प्रत्याशी गांव के सुनहरे भविष्य का सपना मतदाताओं को दिखाने के बजाय शराब, कबाब व मिठाई का प्रलोभन दे रहे हैं। मतदाता भी प्रलोभन से गुरेज नहीं कर रहे हैं। पुलिस ने हाल में ही रूखालू गांव में रसगुल्ला वितरित करते हुए एक दावेदार के रिश्तेदार को पकड़ा था। रामपुर भूड़ में मतदाताओं को बांटने के लिए ले जाई जा रही देशी शराब भी पकड़ी गई है। इसके बावजूद अभी गांव-गांव इस तरह के खेल चल रहे हैं।

प्रवासी मजदूरों को बुलाने की तैयारी

प्रत्याशी वोट हासिल करने के लिए प्रवासी मजदूरों से भी संपर्क कर रहे हैं उन्हें आने जाने व खाने पीने का खर्च देने का वादा करते हुए गांव आने का न्योता दावेदारों द्वारा दिया जा रहा है। दुख दर्द में शामिल रहने का वास्ता देकर वोट मांगे जा रहे हैं।

जिला पंचायत एवं ब्लाकों पर माननीयों की नजरें

सत्तापक्ष तथा विपक्ष के माननीयों की नजरें ब्लाक प्रमुख की सीटों से लेकर जिला पंचायत सदस्य एवं अध्यक्ष की कुर्सी पर है। अपने चहेतों को टिकट दिलाने से लेकर जिताने तक की गोटी बिछाने में नेता लगे हुए हैं। ब्लाक प्रमुख की कुर्सी पर अपनों को बैठाने के लिए अपने समर्थकों को बीडीसी बनकर आने को प्रेरित किया जा रहा है।


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