मुरादाबाद में संदिग्ध हालात में शिक्षिका ने दी जान, मोबाइल फोन रिसीव न होने पर फ्लैट पर पहुंचे स्वजन तो उड़ गए होश
सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के आकाश ग्रीन अपार्टमेंट के फ्लैट में मिला शव। दो माह से परिवार से अलग अपार्टमेंट में किराए का फ्लैट लेकर अकेले रहती थी शिक्षिका। एएसपी ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
मुरादाबाद, जेएनएन। सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के आकाश ग्रीन अपार्टमेंट में शिक्षिका का फांसी के फंदे से लटकता हुआ शव मिला। स्वजन की सूचना पर पहुंची पुलिस घटनास्थल की जांच करने के बाद शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के नवीन नगर निवासी सुनील भारद्वाज की बड़ी बेटी शुचि भारद्वाज ने 2013 में लखनऊ निवासी देवेश श्रीवास्तव के साथ लव मैरिज की थी। शादी के बाद दोनों से बेटी पीहू हुई। लेकिन पारिवारिक कलह के चलते दोनों में तलाक हो गया था। इसके बाद शुचि अपनी बेटी के साथ नवीन नगर में रहने लगी थी। मुरादाबाद के कई स्कूलों में बतौर शिक्षका नौकरी की। एक एनजीओ से जुड़ने के बाद वह गरीब बच्चों को भी पढ़ाने का काम करती थीं। दो वर्ष पहले वह दिल्ली के एक स्कूल में पढ़ा रही थी, लेकिन लॉकडाउन के दौरान वह अपने मां-पिता के घर में आ गईं। मुरादाबाद लौटने के बाद दो माह पूर्व ही शुचि ने आकाश ग्रीन अपार्टमेंट स्थित फ्लैट-सी 203 को किराए पर लिया था। कुछ दिन पहले ही बेटी को नानी के घर छोड़ दिया था। शुक्रवार को भाई गौरांग भारद्वाज ने बहन को कई बार फोन किया, लेकिन कोई जवाब नहीं दिया। दोपहर करीब डेढ़ बजे बहन को देखने के लिए गौरांग उनके फ्लैट पर पहुंचा। दरवाजा खटखटाने पर कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद भाई ने जब बगल के फ्लैट से बहन के कमरे में झांककर देखा तो उसके होश उड़ गए। बहन कमरे में लगे सीलिंग फैन में दुपट्टे से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। तत्काल परिवार को जानकारी देने के साथ ही पुलिस को इसकी सूचना दी। एएसपी सिविल लाइंस अनिल कुमार यादव, सिविल लाइंस थाना प्रभारी डीएसपी दरवेश फॉरेंसिक टीम लेकर पहुंचे। इस दौरान पुलिस अफसरों ने स्वजन से जानकारी ली। पुलिस को देखकर परिवार के लोग पोस्टमार्टम कराने से इन्कार करने लगे। लेकिन अफसरों के समझाने के बाद वह मान गए। एएसपी ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
घर में मिलीं डिप्रेशन की दवाएं
पुलिस की जांच में घर में कई दवाओं के पत्ते मिले। जो दवाएं शुचि के घर से मिली वह ज्यादातर डिप्रेशन के मरीजों को दी जाती हैं। पुलिस को जो दवाएं मिली उनमें से कई पत्ते खाली हो चुके थे। सोशल कार्यों में कार्यरत रहने वाली शुचि के आत्महत्या को लेकर किसी को यकीन नहीं हो रहा है। पड़ोसियों का कहना कि शुक्रवार देर रात तक आसपास के लोगों से वह हंसकर बात कर रही थी। पुलिस को घर में कोई सुसाइड नोट भी नहीं मिला।
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