मुरादाबाद में जिन्होंने बिना डरे कोरोना काल में संभाली कमान ऐसे कोरोना योद्धाओं को मिला सम्मान
कोरोना काल में जब लोग घर से बाहर में डर रहे थे एक दूसरे के नजदीक जाने को तैयार नहीं थे। यह समय ऐसा था जिसने सामाजिक दूरी बढ़ा दी थी। अखबार वितरण से जुड़े योद्धाओं के कदम नहीं ठिठके। अधिक जिम्मेदारी से अभिकर्ताओं ने अपने कार्य को अंजाम दिया।
मुरादाबाद, जेएनएन। कोरोना काल में जब लोग घर से बाहर में डर रहे थे, एक दूसरे के नजदीक जाने को तैयार नहीं थे। यह समय ऐसा था, जिसने सामाजिक दूरी बढ़ा दी थी। अखबार वितरण से जुड़े योद्धाओं के कदम नहीं ठिठके। सामान्य दिनों की तुलना और अधिक जिम्मेदारी से अभिकर्ताओं ने अपने कार्य को अंजाम दिया। देश दुनिया में चल रही घटनाक्रम की खबरों से दैनिक जागरण के माध्यम से लोगों को रूबरू कराया। ऐसे कोरोना योद्धा अभिकर्ताओं काे शुक्रवार को सम्मानित किया गया।सीएल गुप्ता आइ इंस्टीट्यूट के आडिटोरियम में हुए सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि महापौर विनोद अग्रवाल रहे।
उन्होंने कहा कि कोरोना के दौरान जो हुआ वह बहुत वह बहुत डरावना था, ऐसा समय दोबारा न आए। पहली से दूसरी लहर और ज्यादा खतरनाक थी। लोगों ने प्रियजनों को खोया। इसके बावजूद हर क्षेत्र के कोरोना योद्धा अपने मोर्चे पर डटे रहे। इनमें अखबारों के अभिकर्ता भी शामिल रहे। वहीं विशिष्ट अतिथि शिखा गुप्ता, वाइस प्रेसिडेंट सीएल गुप्ता चैरिटेबल फाउंडेशन ने कहा कि कोरोना काल में जब हर तरफ से नकारात्मक खबरें आ रही थीं, तब भी घर से बाहर निकलने की हिम्मत जुटाना आसान नहीं था। खतरा अभिकर्ताओं को खुद के संक्रमण का नहीं था, बल्कि अपने परिवार का भी था। फिर बिना डरे, बिना रुके हम सभी तक अखबार पहुंचाया, यह सभी सम्मान के पात्र हैं।
दैनिक जागरण बरेली मुरादाबाद के महाप्रबंधक डा. मुदित चतुर्वेदी ने कहा कि अभिकर्ताओं ने कोरोना काल में योद्धाओं की तरह काम किया। समाचार संपादक मुरादाबाद बरेली अवधेश माहेश्वरी ने अभिकर्ताओं की हिम्मत से जुड़े कार्यक्रम में कुछ उदाहरण रखते हुए सराहना की। कार्यक्रम में मुख्य रूप से महाप्रबंधक प्रसार विभाग प्रदीप पंत, कैलाश सती, मार्केटिंग मैनेजर, प्रसार प्रबंधक सुशील चौधरी आदि मौजूद रहे। संचालन बाबा संजीव आकांक्षी ने किया।
उम्र 84 की और जोश युवाओं साः चन्दौसी के रहने वाले प्रेम शंकर जब मंच पर आए तो सभी के लिए प्रेरणा के स्रोत बन गए। 84 साल की उम्र में भी वह न केवल अखबार वितरण से जुड़ा काम देखते हैं, बल्कि खुद पाठकों के घर तक अखबार पहुंचाते हैं। सुबह तड़के उठ जान और सर्दी, बारिश की चिंता किए बिना ही अपनी जिम्मेदारी निभाना दूसरों के लिए प्रेरणा से कम नहीं। समय के इतने पाबंद की घड़ी का समय मिलाया जा सकता है। कोरोना काल में भी संक्रमण की चिंता किए बिना वही अनथक कार्य करते रहे। उन्होंने बताया कि अखबार वितरण का कार्य उनके पिता जगदीश सरन वार्ष्णेय ने शुरू किया था, फिर उन्होंने यह कार्य संभाला। अब उनके बेटे भी यह कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि अगर किसी कारण अखबार न बांट पाएं अधूरा-अधूरा सा लगता है।
घर परिवार की जिम्मेदारीः मंडी धनौरा की रहने वालीं अनामिका भी अभिकर्ता के तौर पर कार्य करती हैं। तड़के उठना घर परिवार की जिम्मेदारी के साथ समय से अखबार वितरण कार्य संभालना आसान नहीं है। वितरण बेशक दूसरे करते हैं, पर समय का पालन हो या फिर हिसाब किताब सब चकाचक। कभी कोई शिकायत नहीं। कोरोना काल में अखबार वितरण के बेटा-बेटी सहित पूरे परिवार की देखभाल करके दिखाया कि अगर लगन और हौसला हो तो किसी भी कार्य में मुश्किल नहीं है। उन्होंने बताया कि कोरोना काल में पहले तो डर लगा, पर बाद में मन को समझाया। सोचा अखबार तो कोरोना से बचाव के लिए जागरूकता का कार्य कर रहा है तो इसका वितरण नहीं रुकना चाहिए और अपना काम किया और संक्रमण से भी बचे रहे।
इन्हें मिला सम्मान
मुरादाबाद शहर : अब्दुल सलीम, मु. शहनवाज शेरी, विनय कुमार, पूजा छाबड़ा, शाहिद अली
मुरादाबाद देहात : अख्तर अली, अनुज कुमार जैन, नन्हें राम, मगन लांबा, मु. सलमान
अमरोहा : अनामिका, अचित, कैलाश सिंह गुर्जर, यशोदा देवी, विशाल पाल, शैलेंद्र शर्मा, सिकंदर, सुधीर गोयल
रामपुर : खलीक खाबर, चंद्रप्रकाश शर्मा, नजर अली, नीलेश शर्मा, मु. युसूफ खान, रामसेवक रस्तोगी
सम्भल : आमोद, प्रेमशंकर, भुवनेश, मनोज, विनीत शर्मा, संजीव गुप्ता, सचिन, सतीश