सेना पर विवादित बयान देने के मामले में आजम खां पर तय होंगे आरोप Rampur News
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी राम औतार सिंह सैनी ने बताया कि अदालत ने समय दे दिया है। अब चार दिसंबर को सुनवाई होगी।
रामपुर, जेएनएन। सेना पर विवादित बयान देने के मामले में सांसद आजम खां के खिलाफ अदालत में सुनवाई शुरू हो गई है। अदालत 18 दिसंबर को इस मुकदमे में सांसद के खिलाफ आरोप तय करेगी। इसके लिए सांसद को व्यक्तिगत रूप से हाजिर होने के आदेश दिए हैं। सेना पर विवादित बयान का यह मामला मई 2017 का है।
यह है पूरा मामला
इस बयान के बाद भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने सिविल लाइंस कोतवाली में रिपोर्ट कराई थी। उनका कहना था कि सेना के जवान देश की सुरक्षा में अपने प्राणों की आहुति देते हैं। उनकी वजह से देश सुरक्षित है। देश की सुरक्षा में लगे जवानों पर सांसद का यह बयान अमर्यादित और ङ्क्षनदनीय है। उनकी तहरीर पर 30 जून 2017 को पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया था। पुलिस ने जांच के बाद चार्जशीट लगा दी थी। यह मुकदमा षष्टम अपर जिला जज के न्यायालय में विचाराधीन है। शुक्रवार को मुकदमे में सुनवाई हुई। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी राम औतार ङ्क्षसह सैनी ने बताया कि अदालत इस मुकदमे में आरोपित सांसद के खिलाफ आरोप तय करेगी। इसके लिए सांसद को 18 दिसंबर को व्यक्ति रूप से अदालत में पेश होने के आदेश दिए हैं।
आचार संहिता के मुकदमे में अब चार को होगी सुनवाई
आचार संहिता के मुकदमे की सुनवाई के लिए सांसद कोर्ट नहीं पहुंचे। इस मुकदमे में उनके खिलाफ अदालत ने गैर जमानती वारंट जारी किए थे। अदालत अब चार दिसंबर को सुनवाई करेगी। आचार संहिता उल्लंघन का यह मामला लोकसभा चुनाव के दौरान का है। आजम खां सपा के टिकट पर पहली बार सांसद का चुनाव लड़े थे। चुनाव प्रचार के दौरान स्वार क्षेत्र में उन्होंने रोड शो किया था। रोड शो के लिए प्रशासन से अनुमति ली गई थी। आरोप है कि अनुमति में दिए गए समय से अधिक देर तक रोड शो निकाला गया था। इस पर पुलिस ने चार अप्रैल 2019 को सांसद आजम खां और सपा जिलाध्यक्ष अखिलेश कुमार के खिलाफ स्वार कोतवाली में आचार संहिता उल्लंघन का मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस ने इस मुकदमे में चार्जशीट लगा दी थी। मुकदमे की सुनवाई षष्ट्म अपर जिला जज की अदालत में चल रही है। 26 नवंबर को हुई सुनवाई के दौरान सांसद के अधिवक्ता ने चार्जशीट पर आपत्ति दाखिल की थी। शुक्रवार को फिर सुनवाई हुई। अभियोजन की ओर से आपत्ति पर जवाब देने के लिए समय देने का अनुरोध किया गया।