हरिद्वार हाईवे जाम करने के मामलेे में वीडियो कांफ्रेंसिंग से हुई सांसद आजम खां और बेटे अब्दुल्ला की पेशी
दोनों मुकदमो की सुनवाई एमपी-एमएलए कोर्ट में हुई। थाने में तैनात रहे तत्कालीन सिपाही ने इस मामले में अपने बयान दर्ज कराए थे। शुक्रवार को सिपाही के द्वारा दिए गए बयान को लेकर आरोपित पक्ष के अधिवक्ता ने सवाल-जवाब किए।
मुरादाबाद, जेएनएन। एमपी-एमएलए कोर्ट में रामपुर के आरोपित सांसद आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम पर दर्ज मुकदमों की सुनवाई हुई। कोर्ट में पुलिस की ओर से पेश किए गए गवाह से आरोपित पक्ष के अधिवक्ता ने सवाल-जवाब किए। जिरह पूरी होने के बाद कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनाई के लिए 23 मार्च की तारीख दी है। वहीं शुक्रवार को मुकदमे की सुनवाई के दौरान वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सीतापुर जेल से आरोपित पिता-पुत्र की पेशी हुई।
आरोपित पक्ष के अधिवक्ता शहनवाज सिब्तेन ने बताया कि साल 2008 में हरिद्वार हाइवे जाम करने के मामले में छजलैट थाने में सपा नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। वहीं फिर साल 2020 में इसी मुकदमे लगातार गैरहाजिर रहने के कारण फरारी का दूसरा मुकदमा कोर्ट के आदेश पर आरोपित सांसद आजम खां के खिलाफ दर्ज किया गया था। इन दोनों मुकदमों की सुनवाई एमपी-एमएलए कोर्ट में हुई। थाने में तैनात रहे तत्कालीन सिपाही ने इस मामले में अपने बयान दर्ज कराए थे। शुक्रवार को सिपाही के द्वारा दिए गए बयान को लेकर आरोपित पक्ष के अधिवक्ता ने सवाल-जवाब किए। जिरह की कार्रवाई पूरी होने होने के बाद कोर्ट ने दोनों मुकदमों में सुनवाई के लिए 23 मार्च की तारीख दी है। वहीं इस मुकदमें में अन्य आरोपित विधायकों की ओर से उनके अधिवक्ताओं ने हाजिरीमाफी का प्रार्थना पत्र भी कोर्ट में पेश किया।
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