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शत्रु संपत्ति के मामले में सांसद आजम खां, उनकी पत्नी और बेटे की जमानत अर्जी खारिज

Enemy property case सांसद आजम खांने मिलक कोतवाली में दर्ज आचार संहिता के एक मुकदमे में भी जमानत अर्जी लगाई थी। उसे भी कोर्ट ने खारिज कर दिया है।

By Narendra KumarEdited By: Published: Fri, 18 Sep 2020 08:06 PM (IST)Updated: Fri, 18 Sep 2020 08:06 PM (IST)
शत्रु संपत्ति के मामले में सांसद आजम खां, उनकी पत्नी और बेटे की जमानत अर्जी खारिज
शत्रु संपत्ति के मामले में सांसद आजम खां, उनकी पत्नी और बेटे की जमानत अर्जी खारिज

रामपुर, जेएनएन। Enemy property case। शत्रु संपत्ति मामले में सांसद आजम खां, उनकी पत्नी शहर विधायक डॉ. तजीन फात्मा और बेटे अब्दुल्ला की जमानत अर्जी सत्र न्यायालय ने खारिज कर दी है। सांसद पिछले छह माह से पत्नी और बेटे के साथ सीतापुर की जेल में बंद हैं। सांसद और उनके परिवार पर कई मुकदमे दर्ज हैं। कुछ मामलों में सांसद की जमानत अर्जी मंजूर हो चुकी है, जबकि कई मामलों पर दाखिल जमानत अर्जी सुनवाई के लिए लंबित हैं। इनमें एक मामला अगस्त 2019 में अजीमनगर थाने में दर्ज शत्रु संपत्ति के मुकदमे का है। इस मुकदमे में सांसद के अलावा उनकी पत्नी और बेटे को भी नामजद किया गया है। तीनों की ओर से इस मुकदमे में जमानत अर्जी दाखिल की गई थी, जिस पर सुनवाई हुई। जिला शासकीय अधिवक्ता दलविंदर सिंह डम्पी ने बताया कि शत्रु संपत्ति के मामले में तीनों की जमानत अर्जी खारिज हो गई है। 

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यह है शत्रु संपत्ति का मामला

जौहर यूनिवर्सिटी सपा सांसद आजम खां का ड्रीम प्रोजेक्ट है। उन पर यूनिवर्सिटी के लिए शत्रु संपत्ति कब्जाने का आरोप है। यह संपत्ति 13.842 हेक्टेअर है। इसे रामपुर के इमामुद्दीन कुरैशी की दर्शाया गया है, जो विभाजन के समय पाकिस्तान चले गए थे। इस तरह उनकी संपत्ति को सरकार ने अपने कब्जे में ले लिया था। यह शत्रु संपत्ति के रूप में दर्ज है। शिकायत पर जांच हुई तो पता चला कि यहां इमामुद्दीन कुरैशी नाम का कोई व्यक्ति नहीं रहता था। इस नाम के व्यक्ति लखनऊ के कोतवाली सआदत गंज क्षेत्र में दीनदयाल रोड स्थित मुहल्ला अशर्फाबाद में रहते थे, जो विभाजन के बाद पाकिस्तान चले गए। जब वह मूल रूप से लखनऊ के रहने वाले थे तो उनके नाम पर रामपुर में संपत्ति कहां से आ गई और किस तरह राजस्व अभिलेखों में अंकित भी हो गई। अभिलेखों में फर्जीवाड़ा करने के आरोप में अजीमनगर थाने में यह मुकदमा दर्ज किया गया था। 


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