किशोरी लाल हत्याकांड की अगली कड़ी तो नहीं डबल मर्डर Mordabad news
ठाकुरद्वारा में दोहरा हत्याकांड सिर्फ पुलिस की विफलता ही नहीं बल्कि कातिलों की दरिंदगी की कहानी भी बयां कर रहा है।
मुरादाबाद : ठाकुरद्वारा में दोहरा हत्याकांड सिर्फ पुलिस की विफलता ही नहीं, बल्कि कातिलों की दरिंदगी की कहानी भी बयां कर रहा है।
ठाकुरद्वारा का श्मशान घाट कस्बे से करीब तीन सौ मीटर दूर है। अमूमन खामोशी में लिपटे रहने वाले श्मसान घाट में देखरेख को राजेंद्र गिरि रहते थे। हालांकि परिसर में दो बिस्तर मिले। श्मशान घाट की चहारदीवारी व मुख्य दरवाजा करीब 12 फीट उंचा है। सामान्य स्थिति में इसे लांघना नामुमकिन है। पुलिस के मुताबिक किशोरी लाल हत्याकांड का पर्दाफाश होने के बाद राजेंद्र गिरि डरे हुए थे। वह रात को श्मशान घाट के दरवाजे पर ताला लगाकर सोते थे। राजेंद्र गिरि के साथ मारा गया नितिन दीपावलीपर बाबा के लिए खाना लेकर आया था। वह भी नशे का आदी था। श्मशान घाट के मुख्य दरवाजे पर ऐसा कोई निशान नहीं मिला जिससे यह आशंका जताई जाए कि कातिल जबरिया परिसर में घुसे। यही वजह है कि पुलिस प्रथम दृष्टया मान रही है कि कत्ल करने वाले बाबा के परिचित थे।
जिस युवक ने बाबा का नाम अपनी काली सूची में डाला था, वह इस वक्त जेल में है, लेकिन उसका घर श्मशान के करीब ही है। यही वजह है कि पुलिस किशोरी लाल हत्याकांड की अगली कड़ी के रूप में भी दोहरे हत्याकांड को देख रही है। जांच कई अन्य बिंदुओं पर की जा रही है।
हिट लिस्ट में शामिल था राजेंद्र गिरि का नाम
राजेंद्र गिरि का नाम उन लोगों की हिट लिस्ट में था, जिन्होंने 15 सितंबर 2019 की रात ठाकुरद्वारा थाना क्षेत्र के रमनावाला गांव में चौकीदार किशोरी लाल को मौत के घाट उतारा था। 15 अक्टूबर को चौकीदार हत्याकांड का खुलासा करते एसपी आरए उदय शंकर सिह ने बताया कि चौकीदार की हत्या अंकित कुमार पुत्र ओमप्रकाश मुहल्ला जमनवाला ठाकुरद्वारा ने की। अभियुक्त ने पूछताछ में बताया नशेड़ी पिता पैतृक संपत्ति बेचते चले जा रहे थे। अंकित इसका जिम्मेदार सिर्फ ओमप्रकाश को ही नहीं मानता था। संपत्ति हाथ से निकलने में किशोरी लाल के साथ ही अशोक कातिब व राजेंद्र गिरि को भी दोषी मानता था। किशोरी लाल को मौत के घाट उतारने के बाद अशोक कातिब व राजेंद्र गिरि को ठिकाने लगाने की उसकी योजना थी। मंसूबा पूरा होने से पहले ही वह पुलिस के हत्थे चढ़ गया।
जेल में तो नहीं रची गई हत्या की साजिश
ठाकुरद्वारा श्मशान घाट की देखरेख करने वाले राजेंद्र गिरि की हत्या की साजिश मुरादाबाद जेल में तो नहीं रची गई। पुलिस इसका जवाब तलाशने में जुटी है। इसकी बड़ी वजह जिस युवक ने राजेंद्र गिरि की हत्या करने की योजना बनाई, वह 13 दिन पहले ही जेल भेजा जा चुका है। संदेह की पुष्टि के लिए पुलिस हत्यारोपित अंकित कुमार से पूछताछ की योजना बना रही है।
बाबा बांटता था सट्टा जीतने का मंत्र
ठाकुरद्वारा श्मशान घाट नशेडिय़ों व सट्टा कारोबारियों का जमघट था। कांशीराम नगर कालोनी के लोगों ने बताया श्मशान घाट पर दिन व रात नशेडिय़ों व सट्टा कारोबारियों का जमघट बना रहता था। राजेंद्र गिरी तंत्र विद्या का हवाला देकर सटोरियों को लकी नंबर बांटता था।
चार के खिलाफ हत्या का मुकदमा
श्मशान घाट की देखरेख करने वाले राजेंद्र गिरि की हत्या के संदेह में पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। मृतक के भाई नंदू गिरि पुत्र मदन निवासी ग्राम दुल्हापुर ने संदेह जताया है कि उसके भाई की हत्या में बंटी निवासी ग्राम मदारपुर, राकेश निवासी चुंगी के पास ठाकुरद्वारा, सुदागर निवासी कांशीराम कालोनी व फारूख निवासी ठाकुरद्वारा शामिल रहे हैं। सभी नशेड़ी हैं।