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पुलिस ह‍िरासत में कैसे हुई थी नर्सिंग सुपरवाइजर की मौत, पोस्‍टमार्टम में भी नहीं चल पाया पता, 60 के ख‍िलाफ मुकदमा

17 दिसंबर को भोजपुर थाना क्षेत्र के सेहल गांव निवासी भूपेंद्र पांडे की पीआरवी वैन में थाने लाते समय मौत हो गई। स्वजन ने पीआरवी कर्मियों पर पीटकर मारने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। विवेकानंद अस्पताल के सामने शव रखकर दो घंटे तक जाम लगाया गया था।

By Narendra KumarEdited By: Published: Tue, 21 Dec 2021 12:23 PM (IST)Updated: Tue, 21 Dec 2021 12:23 PM (IST)
पुलिस ह‍िरासत में कैसे हुई थी नर्सिंग सुपरवाइजर की मौत, पोस्‍टमार्टम में भी नहीं चल पाया पता, 60 के ख‍िलाफ मुकदमा
बीते 17 दिसंबर को भोजपुर के सेहल गांव निवासी भूपेंद्र की हुई थी मौत।

मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। पुलिस की पीआरवी वैन में नर्सिंग सुपरवाइजर की मौत के बाद कांठ रोड पर विवेकानंद अस्पताल के सामने शव रखकर प्रदर्शन किया गया था। इस मामले में पुलिस ने तीन दिन बाद मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई की। सिविल लाइंस थाना पुलिस ने रोड जाम करने के मामले में 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज क‍िया है।

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बीते 17 दिसंबर को भोजपुर थाना क्षेत्र के सेहल गांव निवासी भूपेंद्र पांडे की पीआरवी वैन में थाने लाते समय मौत हो गई। स्वजन ने पीआरवी कर्मियों पर पीटकर मारने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। विवेकानंद अस्पताल के सामने शव रखकर दो घंटे तक जाम लगाया गया था। हंगामा और प्रदर्शन की सूचना पर पांच थानों की पुलिस के साथ उच्च अधिकारी मौके पर पहुंचे थे। स्वजन को समझा-बुझाकर शांत कराया गया था। इस मामले में मृतक के भाई की तहरीर पर भोजपुर पुलिस ने मृतक की पत्नी साधना और साले प्रदीप और विनोद के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया था। बीते शनिवार को मृतक की पत्नी साधना को जेल भेजने की कार्रवाई की गई थी। सोमवार को सिविल लाइंस थाना प्रभारी रवींद्र प्रताप सिंह ने इस मामले का संज्ञान लेकर 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई की। थाना प्रभारी ने बताया कि रोड जाम करना अपराध है। इस मामले में अज्ञात आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई की गई है।

अवैध क्लीनिक भी हो चुका है सील : मृतक भूपेंद्र पांडे के क्लीनिक की जांच करने के लिए बीते रविवार को स्वास्थ्य और ड्रग विभाग की टीम पहुंची थी। इस दौरान टीम ने क्लीनिक के दस्तावेज चेक किए तो उसका रजिस्ट्रेशन नहीं मिला। वहीं क्लीनिक के अंदर जो दवाएं मिलीं थी, वह भी प्रतिबंधित थीं। जिसके बाद स्वास्थ्य और ड्रग विभाग ने क्लीनिक को सील करने की कार्रवाई की थी। इस मामले में पहले स्वजन पुलिस पर पीटकर मारने का आरोप लगाया था। लेकिन, बाद में पुलिस मृतक की पत्नी और दो सालों पर हत्या का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज करा दिया। हालांकि, मुकदमा दर्ज होने के बाद मृतक के भाई सोनू ने पुलिस पर गलत मुकदमा दर्ज करने का आरोप लगा दिया था। वहीं, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतक के शरीर में चोट के निशान नहीं मिले थे। डाक्टरों ने मौके का कारण पता करने के लिए बिसरा प्रिजर्व किया था। इसके साथ ही जहर से मौत की आशंका को व्यक्त किया था।


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