हॉटस्पॉट बढ़े लेकिन, नहीं खुले किचेन, हफ्ते में दो दिन मिलेगा सरकारी भोजन
जुलाई माह में जिले के सभी सामुदायिक किचेन बंद कर दिए गए। ऐसे में गरीब लोगों के सामने पेट भरने की सबसे बड़ी समस्या है।
जेएनएन, मुरादाबाद : कोरोना महामारी के प्रकोप के चलते जनपद में प्रतिदिन नए हॉटस्पॉट बन रहे हैं। पुलिस और प्रशासनिक पाबंदियों के चलते लोगों को घर में ही रहना पड़ता है। इस स्थिति में सबसे ज्यादा खराब हालत गरीब परिवारों की होती है। प्रतिदिन रोजी-रोटी की तलाश में घूमने वालों के लिए हॉटस्पॉट बनना किसी सजा से कम नहीं होता है। इन लोगों की जरूरत को पूरा करने का प्रशासन लाख दावा करता है, लेकिन हकीकत यह है कि जेब में जब पैसे नहीं होते तो यह लोग पेट भी नहीं भर पाते हैं। ऐसे लोगों के लिए सरकार ने पहले सामुदायिक किचेन का शुभारंभ किया था। जुलाई में सभी सरकारी किचेन बंद कर दिए गए। इन किचेन के संचालन शुरू होने के समय जनपद में लगभग 31 हॉटस्पॉट थे, लेकिन अब हॉटस्पॉट की संख्या बढ़कर 85 हो गई है। यहां रहने वाले गरीब परिवारों को सरकारी भोजन नहीं मिल रहा है। जनपद में अभी एनजीओ के माध्यम से प्रतिदिन पांच सौ लंच पैकेट का वितरण जा रहा है। प्रशासन ने सरकारी मदद से एक किचेन का शुभारंभ करा दिया है। इस किचेन से केवल ढाई सौ पैकेट बांटे जा रहे है, वो भी केवल दो दिन ही भोजन का वितरण होगा।
16 लाख लोगों को बांटा गया पका भोजन
जिले में अप्रैल से लेकर जून माह तक सरकारी किचेन से 16 लाख सात हजार लोगों को भोजन का वितरण किया गया है। इस भोजन वितरण के लिए प्रशासन ने सामुदायिक किचेन संचालकों को तीन करोड़ 26 लाख रुपये का भुगतान भी कर दिया है।
क्या कहते हैं एडीएम
लॉकडाउन के दौरान गरीबों तक भोजन पहुंचाने के लिए सामुदायिक किचेन खोले गए थे। लॉकडाउन की प्रक्रिया खत्म होते ही इन किचेन को बंद कर दिया गया था। हॉटस्पॉट क्षेत्रों में कोटे से राशन वितरण किया जा रहा है। जरूरत पडऩे पर एनजीओ के माध्यम से भोजन भी पहुंचाया जाता है।
लक्ष्मीशंकर सिंह, एडीएम प्रशासन