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उम्मीदों को लगा धक्का, प्रधानमंत्री आवास अभी नहीं मिलेंगे

मुरादाबाद : प्रधानमंत्री आवासीय योजना को लेकर प्राधिकरण को अगले चार सालों में बीस हजार आव

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Sep 2018 02:02 PM (IST)Updated: Sun, 16 Sep 2018 02:02 PM (IST)
उम्मीदों को लगा धक्का, प्रधानमंत्री आवास अभी नहीं मिलेंगे
उम्मीदों को लगा धक्का, प्रधानमंत्री आवास अभी नहीं मिलेंगे

मुरादाबाद : प्रधानमंत्री आवासीय योजना को लेकर प्राधिकरण को अगले चार सालों में बीस हजार आवास बनाने हैं। इन आवासों को लेकर प्रतिदिन शासन स्तर पर जानकारी मांगी जा रही है। बीते माह में मुख्य सचिव ने जिला प्रशासन के साथ ही एमडीए को पत्र भेजकर 15 दिनों में कार्रवाई पूर्ण कर अवगत कराने के लिए कहा था। इन आवासों के टेंडर में अब जांच का ग्रहण लग गया है। इससे निर्माण कार्य शुरू होने में अब देरी होना तय है। ऐसे में प्रधानमंत्री आवास योजना में आवास पाकर आशियाना बनाने का ख्बाव रखने वालों की उम्मीदों को धक्का लगा है। तकनीकी बिड में भाजपा के वरिष्ठ नेता ने उठाए सवाल

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-प्रधानमंत्री आवासीय योजना को लेकर शासन गंभीर है। इस योजना को जल्द से जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिए जा रहे हैं। इस योजना में अब भाजपा नेताओं ने ही ग्रहण लगा दिया है। जनपद के एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने कमिश्नर अनिल राजकुमार को शिकायती पत्र देकर तकनीकी बिड की जांच कराने की मांग की है। इस पत्र को संज्ञान में लेते हुए कमिश्नर ने जांच के आदेश दिए हैं। इस वित्तीय वर्ष में सात हजार आवास बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए एमडीए ने छह स्थानों को चिह्नित किया है। लेकिन अभी तक कहीं पर प्रधानमंत्री आवासों की नींव नहीं रखी गई। जब भी आवासों के निर्माण की प्रक्रिया शुरू होती है, कोई रुकावट सामने आ जाती है। जिसके कारण एमडीए निर्माण कार्य शुरू नहीं कर पा रहा है।

कमिश्नर ने 288 आवासों के टेंडर से पहले दिए जांच के आदेश

-भाजपा के वरिष्ठ नेता के द्वारा दिए गए शिकायती पत्र में ठेकेदारों के प्रपत्रों की जांच कराने की मांग की गई है। वहीं इस मामले में एमडीए अफसरों का कहना है कि ठेकेदारों के प्रपत्रों की जांच एग्रीमेंट करने से पूर्व की जाती है। तकनीकी बिड प्रक्रिया के दौरान प्रपत्रों की जांच नहीं होती है। प्राधिकरण के उच्च अधिकारी इस मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं। ठेकेदारों की राजनीति का शिकार पीएम आवास योजना

-प्रधानमंत्री आवासीय योजना एमडीए में ठेकेदारों के वर्चस्व की लड़ाई बनती जा रही है। प्रधानमंत्री आवासों के निर्माण को लेकर दूसरे राज्यों की एजेंसिया भी सक्रिय हैं। जबकि स्थानीय फर्म मानक के अनुरूप नहीं है। ठेकेदारों की इसी राजनीति के चलते प्रधानमंत्री आवासों के निर्माण में ग्रहण लग गया है। इससे पहले भी टेंडर प्रक्रिया रोकने की कार्रवाई हो चुकी है। जानिये क्या बोले कमिश्नर

- मंडलायुक्त अनिल राजकुमार ने कहा है कि ठेकेदारों के प्रपत्रों की जांच के बाद ही टेंडर प्रक्रिया की कार्रवाई पूरी होती है। इस मामले में एक जनप्रतिनिधि के द्वारा शिकायत की गई थी कि टेंडर प्रक्रिया में मानकों का अनुपालन नहीं किया जा रहा है। नियमानुसार भी तकनीकी बिड से पहले ठेकेदारों के प्रपत्रों का सत्यापन होना चाहिए। जिसके बाद उपाध्यक्ष एमडीए को इस मामले में जांच करने के निर्देश दिए गए हैं।


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