Health care : ठंड और प्रदूषण में कोरोना संक्रमण का खतरा अधिक, इन बातों का रखना होगा ध्यान
सांस के रोगियाें को रखना होगा विशेष ध्यान। धुएं से बचें अस्थमा रोगियों के कक्ष में नमी न हो भरपूर वेंटीलेशन भी हो। पहले से बीमार धुंध में घर से निकलने से परहेज करें। जरूरत पड़ने पर ही घर से बाहर जाएं
मुरादाबाद, जेएनएन। रात में शुरू हुई मौसम की ठंडक से प्रदूषण और कोरोना वायरस का खतरा बढ़ने लगा है। ऐसे में जो लोग कोरोना संक्रमित होकर ठीक हो चुके हैं, उन्हें विशेष सावधानी की जरूरत है। इसके साथ ही हृदय रोेग, अस्थमा पीडित और अन्य बीमारियों के साथ जी रहे लोगों की सेहत का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। कोरोना काल में प्रदूषण लोगों की सेहत के लिए सबसे बड़ा खतरा साबित हो सकता है।
जिला अस्पताल में चेस्ट फिजिशियन डॉ प्रवीण शाह ने बताया कि प्रदूषण बढ़ने से संक्रमित व्यक्ति के ड्राप्लेट हवा में फैल जाते हैं। प्रदूषण की वजह से ये सूक्ष्मकण पीएम टू-फाइव पर आ जाएंगे। इससे मरीज के सांस लेते समय मरीज के शरीर में पहुंच जाएंगे। ऐसे हालात में ऐसी धुंध और पूरा बचाव करने के जरूरत है। पहले से बीमार धुंध में घर से निकलने से परहेज करें। जरूरत पड़ने पर ही घर से बाहर जाएं तो शारीरिक दूरी के नियम का कड़ाई से पालन करें। मास्क भी जरूर लगाएं।
ठंड में लें पौष्टिक आहार
कोरोना का खतरा टला नहीं है। जिले में भले ही मरीजों की संख्या कम हो रही है। लेकिन, ऐसे समय में हमें कोरोना से ठीक हुए मरीज और जो दूसरी बीमारियों से पीडित हैं उनका विशेष ध्यान रखना है। ऐसे मरीजों को हरी पत्तेदार सब्जियों के सेवन के साथ ही मौसमी फलों का अधिक इस्तेमाल करना है। गुनगुने पानी का इस्तेमाल नियमित करते रहें। मौसमी फलों को खूब इस्तेमाल करना है।
प्रदूषण सेहत के लिए खतरा
कॉसमॉस अस्पताल के पल्मोनरी क्रिटिकल केयर विभाग के डॉ शुभेंदु गुप्ता ने बताया कि प्रदूषण से कोरोना मरीजों को तो खतरा है ही, इसके साथ दूसरी बीमारियों से पीड़ित मरीजों को भी पूरा खतरा है। अस्थमा के मरीजों को भी अटैक का खतरा अधिक है। एक से अधिक बीमारयाें से पीड़ित मरीज के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कमजोर पड़ती है। इसलिए सावधानी बरतनी है।