हाइटेक बनेंगे जिला अस्पताल, ऑनलाइन होगा मरीजों का डाटा
मुरादाबाद प्रदेश के जिला अस्पतालों में मरीजों को मात्र एक रुपये में इलाज मिलता है।
मुरादाबाद। प्रदेश के जिला अस्पतालों में मरीजों को मात्र एक रुपये में इलाज मिलता है। इस सस्ती सुविधा के चलते इन सरकारी अस्पतालों में मरीजों की लंबी कतार लग जाती है। मरीज को अपनी बारी के लिए घंटों लाइन में खड़े रहना पड़ता है। इस स्थिति से निबटने के लिए सरकार ने सभी जिला अस्पतालों को ई-हॉस्पिटल बनाने का फैसला लिया है।
इस प्रक्रिया के बाद मरीज को पर्चा बनाने से लेकर चिकित्सक का इंतजार करने के लिए लाइन नहीं लगानी होगी। मरीज घर बैठे ही ऑनलाइन पंजीकरण करा सकेंगे। पंजीकरण होने के बाद मरीज के मोबाइल पर मैसेज आएगा, जिसमें मरीज को बताया जाएगा कि वह कब चिकित्सक को दिखा सकता है। इसके साथ ही मरीजों का डाटा भी कंप्यूटर में फीड होगा, जिससे मरीजों को हर बार पर्चा लेकर आने की जरूरत भी नहीं होगी। रामपुर का जिला अस्पताल भी योजना में शामिल
प्रदेश सरकार की इस योजना में रामपुर का जिला अस्पताल भी शामिल है। ई-हॉस्पिटल की सुविधा शुरू होने के बाद यहां सभी विभागों को इंटरनेट के माध्यम से आपस में कनेक्ट किया जाएगा। रामपुर जिला अस्पताल के लिए शुरुआती चरण में आठ कंप्यूटर दिए गए हैं। इनमें चार जिला पुरुष अस्पताल को मिले हैं, जबकि चार कंप्यूटर जिला महिला अस्पताल को दिए गए हैं। कंप्यूटर में रहेगा मरीजों का पूरा डाटा
अभी जिला अस्पतालों में सामान्य तौर पर ओपीडी पर्चा बनता है। इसमें रोगी का नाम और उम्र, तारीख आदि दर्ज होती है। ई-हॉस्पिटल की सुविधा शुरू होने के बाद यहां आने वाले मरीजों का डाटा कंप्यूटर में सुरक्षित रखा जाएगा। मरीज से जुड़ी जानकारी के अलावा वह किस बीमारी का इलाज कराना चाहता है? उसे किस डिपार्टमेंट में भेजा जाएगा और कौन चिकित्सक उसका उपचार करेगा? यह सभी जानकारी भी कंप्यूटर में दर्ज हो जाएगी। यह पूरा डाटा ऑनलाइन सुरक्षित रहेगा, जिसे कहीं से देखा जा सकेगा। यह भी पता चल सकेगा कि किस डॉक्टर ने किस मरीज का कब क्या-क्या इलाज किया। क्या कहते हैं अधिकारी
जिला महिला अस्पताल में ई-हॉस्पिटल सेवा शुरू करने के लिए फिलहाल चार कंप्यूटर मिल चुके हैं। अभी और कंप्यूटर मिलने की उम्मीद है। इन कंप्यूटर को इंस्टाल किया जाएगा। इसके लिए जल्द ही इंजीनियर यहां आएंगे। इस साल यह सुविधा शुरू होने की उम्मीद है।
डॉ. अमित शर्मा, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक जिला महिला अस्पताल। ई-हॉस्पिटल के लिए जिला पुरुष अस्पताल को चार कंप्यूटर मिले हैं। यह सुविधा जल्द शुरू होने की संभावना है। इससे मरीजों का डाटा ऑनलाइन होगा, जिससे अस्पताल में रिकार्ड प्रबंधन आसान हो जाएगा। शासन को भी पता चल जाएगा कि अस्पताल में कितने मरीज आते हैं और उसके मुताबिक डॉक्टर की कितनी जरूरत है।
डॉ. बीएम नागर, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक जिला पुरुष अस्पताल। क्या कहते हैं चिकित्सक
ई-हॉस्पिटल की सुविधा से शासन के अधिकारियों को यह पता रहेगा किस जिले में किस तरह के रोगी ज्यादा हैं, वहां पर रोगियों की संख्या की तुलना में कितने डॉक्टर कार्यरत हैं? किस विभाग में पेशेंट लोड ज्यादा है, यह भी पता रहेगा। ऐसे में शासन डॉक्टर, स्पेशलिस्ट डॉक्टरों को ज्यादा बेहतर ढंग से अस्पतालों में तैनात कर सकेगा।
डॉ. दशरथ सिंह (ईएमओ), जिला सचिव प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ। मरीज जब किसी दूसरे बड़े अस्पताल में जाएगा तो वहां चिकित्सक को यूनिक नंबर से उसकी पूरी डिटेल मिल जाएगी। उसका किस बीमारी का कब से इलाज चल रहा है और अभी तक उसे क्या-क्या उपचार मिला। इससे मरीज को समय पर बेहतर उपचार मिल सकेगा। यह योजना मरीजों के लिए सुविधाजनक होगी।
डॉ. राजेश कुमार, आई सर्जन जिला अस्पताल।
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