इमाम हुसैन ने इंसाफ के लिए लड़ी थी कर्बला की जंगः हरीश रावत
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अमरोहा के नौगावां सादात में हजरत इमाम हुसैन की याद में किए जा रहे मातम में शिरकत की। उन्होंने कर्बला की जंग को इंसाफ की लड़ाई बताया है।
मुरादाबाद (जेएनएन)। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि कर्बला में इमाम हुसैन ने हक और सच्चाई के खिलाफ जो जंग लड़ी थी। दुनिया में उसकी कोई दूसरी मिसाल नहीं मिलती। समाज यदि इमाम हुसैन के बताए रास्ते पर चलेगा तो यकीनन दुनिया से दहशतगर्दी का खात्मा हो जाएगा।गुरुवार को दिल्ली कांग्रेस कमेटी के प्रदेश उपाध्यक्ष हसन अहमद के बहनोई रजा हैदर के नौगावां सादात स्थित आवास पर पहुंचे उत्तराखंड के पूर्व सीएम श्री रावत ने मेन बाजार में जंजीर का मातम देखा।
अजादारों से हुए रूबरू
इस दौरान थोड़ी देर के लिए अजादारों से रूबरू हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सदियां गुजरने के बाद आज भी लोग इमाम हुसैन की शहादत को याद कर रहे हैं। शहादत के गम में सिर्फ मुसलमान ही नहीं बल्कि हिंदू भी शरीक हैं। इससे साफ है कि कर्बला हमे इंसानियत का संदेश देती है। वो जंग हक और उसूल के लिए थी जिसकी कोई दूसरी मिसाल नहीं है। इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री का काफिला उत्तराखंड की ओर निकल गया।इससे पूर्व जोया में कांग्रेस के जिलाध्यक्ष चौधरी सुखराज सिंह, अजय सारस्वत, चौधरी सिराजुद्दीन हाशमी, यासिर अंसारी, अमित कुमार सोनू, सीमा चौधरी व मोहम्मद जीशान मौजूद रहे।
चेहरा दिखाने की होड़ में आपाधापी
टीपीनगर चौराहे पर शहराध्यक्ष फैज आलम राईनी के नेतृत्व में कांग्रेसियों ने पूर्व सीएम हरीश रावत का स्वागत किया। टीपीनगर चौराहे पर स्वागत और चेहरा चमकाने की होड़ में आपाधापी और धक्का मुक्की भी हुई। यहां हाजी खुर्शीद अनवर, खुश्तर मिर्जा, निराले मियां अंसारी, परवेज सिद्दीक, राजेंद्र सिंह छावड़ा, सरदार इंद्र सिहं, सुभाष पोसवाल, शाहिद सैफी, अली हसनैन नकवी, सईद खां, कसीम कुरैशी, मेराजुल जफर, भूपेन्द्र सिहं, हरीशवीर सिहं, अली इमाम रिजवी, विनोद गोयल, कैलाश सैनी मौजूद रहे।