GST Registration News : तीन साल में 35.90 लाख फर्जी फर्म के जीएसटी पंजीयन हुए रद
GST Registration News भौतिक सत्यापन में 50 फीसद से ज्यादा फर्म मौके पर नहीं मिलीं। कागजों में फर्म संचालित करके रिटर्न के लिए खेल किया जाता था। तीन सालों में देश के सभी राज्यों में 35 लाख 90 हजार 625 फर्म का रजिस्ट्रेशन रद किया गया।
मुरादाबाद (रितेश द्विवेदी)मुरादाबाद। देश में एक जुलाई 2017 को गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) का शुभारंभ कर एक देश एक टैक्स के स्वरूप को साकार किया गया। इसमें व्यापार-कर के नाम पर होने वाली सभी धांधली को रोका जाना था। केंद्र सरकार के इस कदम का प्रभाव अब दिखने लगा है। देश में अलग-अलग राज्यों में फर्जी फर्म बनाकर सरकार से रिटर्न के नाम पर वसूली करने वालों की अब पोल खुल गई है। दैनिक जागरण की आरटीआइ का जवाब देते हुए भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के अधीन संस्था गुड्स एंड सर्विस टैक्स नेटवर्क (जीएसटीएन) ने बताया कि बीते तीन सालों में देश के सभी राज्यों में 35 लाख 90 हजार 625 फर्म का रजिस्ट्रेशन रद किया गया। यह वह फर्म थी, जो केवल कागजों में संचालित होती थींं।
आरटीआइ के सवालों के जवाब देते हुए जीएसटीएन के जनसूचना अधिकारी मुहम्मद शादाब ने जानकारी दी कि देश के अलग-अलग राज्यों में एक जुलाई 2017 से 31 जुलाई 2020 तक 91 लाख 16 हजार 969 जीएसटी फर्म पंजीकृत हुईंं थींं, जिसमें से 35 लाख 90 हजार 625 फर्म के रजिस्ट्रेशन रद किए गए हैं। जीएसटी विभाग के स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि इनको रद करने का सबसे बड़ा कारण यह सामने आया है कि जब इनके सत्यापन के लिए अधिकारी मौके पर पहुंचते थे, तो यह फर्म नहीं मिलती थींं। इसके साथ ही साठ फीसद से अधिक फर्म का संचालन कागजों में किया जाता था, ताकि सरकार से मिलने वाले रिटर्न का फायदा उठाया जा सके।
64.28 लाख फर्म वैट से जीएसटी में हुईं पंजीकृत
एक जुलाई 2017 से पहले तक व्यापार कर के रूप में वैट की वसूली होती थी। लेकिन, जीएसटी लगने के बाद धीरे-धीरे सभी फर्म ने जीएसटी ने पंजीयन कराना शुरू कर दिया था। हालांकि, अभी भी यह प्रक्रिया चल रही है। आरटीआइ में द्वारा बताया गया कि तीन सालों में देश के सभी राज्यों में वैट से जीएसटी में 64 लाख 28 हजार 643 फर्म ने पंजीकरण कराया है।
मंडल में 15173 फर्म के पंजीयन को किया गया निरस्त
मुरादाबाद मंडल के जनपदों में भी जीएसटी विभाग के द्वारा फर्जी फर्मों के पंजीयन निरस्त किए गए। इनमें मुरादाबाद मंडल के पांच जनपदों बिजनौर, मुरादाबाद, अमरोहा, रामपुर और सम्भल की 15173 फर्म शामिल हैं। अकेले मुरादाबाद में 6339 फर्म के पंजीयन निरस्त कर दिए गए हैं।
जीएसटी लागू होने पर व्यापार कर में पारदर्शिता आई है। इसके चलते फर्जी दस्तावेजों के आधार पर संचालित होने वाली फर्म की जानकारी मिल जाती है। जिन फर्मों के जीएसटी पंजीयन निरस्त किए गए हैं। वे भौतिक सत्यापन में अपने स्थान पर नहीं मिली। कुछ लोग केवल कागजों में फर्म संचालित करके रिटर्न का लाभ लेने के लिए पंजीकरण कराते थे। इस कारण से उनका रजिस्ट्रेशन रद किया गया है।
अरविंद कुमार, एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-वन, मुरादाबाद