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जिला पंचायत बोर्ड की बैठक में 22 करोड़ रुपये से अधिक के विकास कार्यों को हरी झंडी, कोविड अस्पताल में मौतों को लेकर हंगामा

District Panchayat Board Meeting जिला पंचायत अध्यक्ष के सामने धरने पर बैठे जिला पंचायत सदस्य। सीएमओ के खिलाफ नारेबाजी। जांच कमेटी बनाने के आश्वासन पर शांत हुए सदस्य। 22 करोड़ से अधिक के कार्यों को मिली हरी झंडी

By Narendra KumarEdited By: Published: Sat, 03 Oct 2020 07:52 PM (IST)Updated: Sat, 03 Oct 2020 07:52 PM (IST)
जिला पंचायत बोर्ड की बैठक में 22 करोड़ रुपये से अधिक के विकास कार्यों को हरी झंडी, कोविड अस्पताल में मौतों को लेकर हंगामा
जिला पंचायत बोर्ड की बैठक में मौजूद जिला पंचायत अध्यक्ष मिथलेश रानी, सांसद डॉ. एसटी हसन। जागरण

मुरादाबाद, जेएनएन। सर्किट हाउस में शनिवार को हुई जिला पंचायत बोर्ड की बैठक हंगामेदार रही। बैठक में 22 करोड़ रुपये से अधिक के विकास कार्यों को सदन ने आम सहमति से हरी झंडी दे दी। बिलारी के जिला पंचायत सदस्य विश्वास यादव उर्फ लवली ने कोविड अस्पताल के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। लेकिन, सीएमओ के सदन में मौजूद न होने पर हंगामा खड़ा हो गया। सदस्यों ने जिला पंचायत अध्यक्ष मिथलेश रानी के सामने धरने पर बैठकर सीएमओ के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।

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जिला पंचायत अध्यक्ष द्वारा कोविड से होने वाली मौतों के मामले की जांच कमेटी से कराने और 15 दिन किसानों के गन्ने बकाया भुगतान कराने आश्वासन के बाद सदन शांत हुआ। शनिवार को दोपहर करीब साढ़े 11 बजे जिला पंचायत बोर्ड की बैठक शुरू हुई। अध्यक्ष की अनुमति के बाद अपर मुख्य अधिकारी शिशुपाल शर्मा ने एजेंडे पर चर्चा शुरू कराई। सबसे पहले 30 जनवरी की बैठक में हुई कार्यवाही की पुष्टि की गई। राज्य वित्त आयोग से वर्ष 2020-21 के लिए विकास कार्यों के लिए मिलने वाली नौ करोड़ दो लाख रुपये की धनराशि पर चर्चा हुई। इसके बाद 15वें केंद्रीय वित्त आयोग से प्राप्त 12 करोड़ 61 लाख रुपये पर जोरदार बहस हुई। इसके अतिरिक्त संपत्ति एवं कर से होने वाले 42 लाख रुपये होने वाले विकास कार्यों पर प्रस्ताव मांगे गए। इसे सदन से स्वीकृति दे दी। मनरेगा के पुनरीक्षित बजट का सदन से अनुमोदन कराया गया। एएमए के कार्यालय में पैसा खर्च करने के सवाल पर राज्यसभा सदस्य वीर सिंह एडवोकेट के प्रतिनिधि चंद्रपाल सिंह ने कहा कि दफ्तर में नहीं गांवों के विकास पर धनराशि खर्च होगी।

गुमराह करने का लगाया आरोप

कोविड अस्पताल में हो रही मौतों का मुद्दा जैसे ही सदन में उठा। सीडीओ मृदुल चौधरी बचाव करने लगे। उन्होंने कहा कोविड अस्पताल में होने वाली मौतों की मजिस्ट्रेटी जांच चल रही है। जिला प्रशासन इसमें इससे ज्यादा कुछ नहीं कर सकता। इस पर सदस्य गुस्सा होकर जिला पंचायत अध्यक्ष के सामने धरने पर बैठकर हंगामा करने लगे। पहले बिलारी विधायक फहीम इरफान ने विरोध किया। उन्होंने सीडीओ पर सदन को गुमराह करने का आरोप लगाया। दोनों में काफी देर तक बहस भी हुई। इसी बीच सांसद डॉ. एसटी हसन ने कहा कि कोविड अस्पताल में जिला प्रशासन की तरफ से नोडल अधिकारी को बैठाया गया है, फिर जिम्मेदारी से मुंह कैसे मोड़ा जा सकता है। अध्यक्ष ने जांच को कमेटी बनाने का आश्वासन देकर मालला शांत कराया। अध्यक्ष ने अंत में सभी का आभार जताया। साथ ही कहा कि जो अधिकारी बैठक में नहीं आए हैं, उन्हें फिर से पत्र लिखकर बैठक बुलाई जाएगी। जल्द ही इसकी तिथि सभी सदस्यों को बता दी जाएगी। बैठक में सांसद डॉ. एसटी हसन, कुंदरकी के विधायक हाजी मुहम्मद रिजवान, बिलारी के विधायक फहीम इरफान के अलावा जिला पंचायत सदस्य डॉ. महमूद, मुकेश यादव, राज्यसभा सदस्य सम्भल जावेद अली के प्रतिनिध मुदस्सिर खान, शबाना, शशिवाला, नाजमा, जनाब पाशा, मंगल सिंह सैनी, हेमंत सिंह, वीके राज, ओंकार सिंह, अफजाल अहमद, जरीफ अहमद मौजूद रहे।सदन में ये रहे मुख्य मुद्दे किसान बिल के खिलाफ सदन ने प्रस्ताव पास कियागन्ना भुगतान 15 में कराने का सीडीओ ने किया वादा किसानों को बिजली बिल गलत आने की है शिकायत मनरेगा के काम में जिला पंचायत सदस्यों की राय ली जाएधान खरीद केंद्र पर किसानों के लिए व्यवस्था ठीक हों


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