भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत बोले किसानों को कमजोर न समझे सरकार
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि सरकार से हमारी कोई दुश्मनी नहीं है। कृषि कानूनों को वापस लेकर सरकार उनकी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करे। ताकि किसानों के घरों में भी खुशियां बनी रहें। भाजपा सरकार ने जब से पूंजीपतियों के इशारे पर कृषि कानून बनाए हैं।
मुरादाबाद, जेएनएन। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत यूपी के गाजीपुर बार्डर पर किसानों के बीच गुरुवार को भी डटे रहे। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि सरकार से हमारी कोई दुश्मनी नहीं है। कृषि कानूनों को वापस लेकर सरकार उनकी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करे। ताकि किसानों के घरों में भी खुशियां बनी रहें। भाजपा सरकार ने जब से पूंजीपतियों के इशारे पर कृषि कानून बनाए हैं। तभी से किसान बुरी तरह से परेशान हैं। हमें यह कानून मंजूर नहीं है। अभी यूपी बार्डर पर बैठे हैं। जरूरत पड़ी तो पूरी यूपी का किसान सड़कों पर नजर आएगा। किसान किसी से कमजोर नहीं है। सरकार किसानों को कमजोर समझकर वार्ता के बहाने टरकाने का काम न करेंं। किसान भड़क गया तो किसी से थमेगा नहीं। भाकियू के राष्ट्रीय महासचिव राजपाल शर्मा ने बताया कि भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के साथ पंजाब के तथा अन्य संगठनों के किसान नेता सरकार से किसानों के मुद्दों पर बात कर रहे हैं। लेकिन, सरकार ने अभी तक उनकी मांगों को नहीं माना है। मांगे पूरी न होने तक आंदोलन जारी रहेगा। महापंचायत में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजेश चौहान, डॉ. नौ सिंह, वरिष्ठ नेता चौधरी ऋषिपाल सिंह, डॉ. चरण सिंह, मुरादाबाद के जिलाध्यक्ष मनोज चौधरी, वरिष्ठ जिला उपाध्यक्ष हरदीप बिश्नोई, तहसील अध्यक्ष जीतू बिश्नोई, नरेंद्र प्रताप, दीपक चौधरी युवा नेता आकाश कुमार आदि मौजूद रहे।
यह हैं किसानों की मुख्य मांगे
नया कृषि अध्यादेश किसानों को मंजूर नहीं इसे तुरंत वापस किया जाए
देशभर में एमएसपी पर खरीद हो, ऐसा न करने वालों पर उचित कार्रवाई की जाए
डॉ. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट तुरंत लागू की जाए तथा डिजिटल भुगतान का प्रावधान हो
पंजाब की तरह उत्तर प्रदेश तथा देशभर के सभी प्रदेशों में बिजली निशुल्क की जाए
नोटबंदी में किए गए वादे को पूरा किया जाए तथा सभी के खातों में पैसे भेजे जाएं