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मुरादाबाद के क‍िसानों के ल‍िए अच्‍छी खबर, केले की खेती कर बढ़ाएं अपनी आमदनी, सब्सिडी का भी उठाएं लाभ

योजना का लाभ सामान्य और एसपीपी कृषकों को मिलेगा। उन्होंने बताया कि केले की एक हेक्टेयर खेती करने वाले किसानों को 30 हजार 738 रुपये रुपये पौधों के लिए दिए जाएंगे। इसके बाद अगले साल में 10 हजार 247 रुपये मिलने हैं।

By Narendra KumarEdited By: Published: Mon, 02 Aug 2021 04:01 PM (IST)Updated: Mon, 02 Aug 2021 04:01 PM (IST)
मुरादाबाद के क‍िसानों के ल‍िए अच्‍छी खबर, केले की खेती कर बढ़ाएं अपनी आमदनी, सब्सिडी का भी उठाएं लाभ
योजना के लिए आवेदन करने वाले किसानों को मिलेगा अनुदान

मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। जिले में केले की खेती करने वाले किसानों के लिए अच्छी खबर है। उद्यान विभाग का दावा है कि किसान गन्ने की परंपरागत खेती करने के बजाय केले लगाएं तो आमदनी बढ़ेगी। इस साल उद्यान विभाग को जिले में 90 हेक्टेयर जमीन में केले की खेती कराने के लिए किसानों को प्रोत्साहन करने का मौका मिला है।

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ठाकुरद्वारा तराई क्षेत्र केले की खेती के लिए सबसे अच्छा इलाका है। इसलिए वहां के किसानों को केले की खेती के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा। केले की खेती करने वाले किसानों को सब्सिडी भी मिलेगी। जिला उद्यान अधिकारी गया प्रसाद बौद्ध ने बताया कि जिले को एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के तहत आम कलमी, अमरूद, लीची रोपण के अलावा जैंक फूट, पपीता, लूज फ्लोवर में गेंदा और देशी गुलाब, शाकभाजी की खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहन देने के लिए लक्ष्य मिला है। इस योजना का लाभ सामान्य और एसपीपी कृषकों को मिलेगा। उन्होंने बताया कि केले की एक हेक्टेयर खेती करने वाले किसानों को 30 हजार 738 रुपये रुपये पौधों के लिए दिए जाएंगे। इसके बाद अगले साल में 10 हजार 247 रुपये मिलने हैं। केले की एक हेक्टेयर फसल में किसान की लागत करीब एक लाख दो हजार रुपये आती है। सोलह महीने में फसल तैयार हो जाती है। फसल से किसानों को करीब आठ लाख रुपये की आमदनी होती है। ठाकुरद्वारा तराई क्षेत्र है। इसलिए वहां का मौसम केले की फसल के लिए ज्यादा सही है।

पहले आओ पहले पाओ के आधार पर मिलेगा लाभ : जिले में अब तक 35 हेक्टेयर जमीन में किसान केले की खेती कर रहे हैं। इस साल 90 हेक्टेयर में केले की खेती कराने के लिए किसानों को सब्सिडी देकर प्रेरित करने का लक्ष्य मिला है। इसके लिए किसानों को प्रेरित करने के लिए काम शुरू हो गया है। सभी योजनाओं का लाभ पहले आओ पहले पाओ के आधार पर मिलेगा। जिला उद्यान अधिकारी ने बताया कि अनुसूचित जाति के लिए औद्यानिक विकास की योजना के लिए भी लक्ष्य आ गया है। इसमें मसाला, धनिया और सब्जियां बोने वाले किसानों को लाभ पहुंचाना है। योजना के तहत किसानों को सब्सिडी दी जानी है। कृषि और औद्यानिक फसलों की सिंचाई के लिए ड्रिप मिनी, माइक्रो सिंचाई पद्धति की स्थापना, स्प्रिंलर सिंचाई पद्धति की स्थापना के लिए लक्ष्य मिला है। इन ईकाइयों की स्थापना के बाद अनुदान मिलेगा।


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