दुष्टों को दंड व सज्जनों की सेवा ही गीता का उपदेश
डॉ. भीम राव आंबेडकर पुलिस अकादमी प्रशिक्षु उपनिरीक्षकों में कर्म व दायित्व के प्रति समप्रण पर जोर दिया।
मुरादाबाद : डॉ. भीम राव आंबेडकर पुलिस अकादमी प्रशिक्षु उपनिरीक्षकों में कर्म व दायित्व के प्रति समर्पण और प्रतिबद्धता का भाव भरने की पुरजोर कोशिश कर रही है। बुधवार को पुलिस अकादमी के आर्य प्रेक्षागृह में एक बार फिर गीता का जीवन में महत्व विषयक कार्यशाला का आयोजन हुआ। इसे संबोधित करते हिदू कालेज के पूर्व एसोसिएट प्रोफेसर सतीश चंद्र सक्सेना ने कहा कि दुष्ट को दंड व सज्जन की सेवा ही पुलिस का मूल कर्तव्य है।
बुधवार को सुबह साढ़े दस बजे आयोजित कार्यशाला में करीब साढ़े तीन सौ प्रशिक्षु उपनिरीक्षकों को संबोधित करते उन्होंने बताया कि मनुष्य योनि में कर्म व भोग दोनों शामिल हैं। मनुष्य तीन प्रकार से जीवन जीता है। व्यक्तिगत, पारिवारिक व सामाजिक जीवन। जीवन को परिभाषित करते उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत जीवन हमारे शरीर तक सीमित है। परिवारिक जीवन परिजनों तक सीमित है, लेकिन सामाजिक जीवन में पड़ोसी से लेकर देश तक समाहित है। गीता के श्लोकों का उद्धरण करते उन्होंने हर स्त्री में मां का रूप देखने, धन की लालच से दूर रहने व समाज के हर व्यक्ति को अपना समझने की नसीहत दी।
एडीजी ने किया डाक्यूमेंट्री फिल्म का उद्घाटन
-पुलिस अकादमी के इतिहास व प्रशिक्षण पर बनी 20 मिनट की डाक्यूमेंट्री फिल्म का उद्घाटन बुधवार को पुलिस अकादमी के निदेशक/एडीजी सुनील कुमार गुप्ता ने किया। आर्य प्रेक्षागृह में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते एडीजी ने कहा कि डाक्यूमेंट्री फिल्म में पुलिस अकादमी का पूरा इतिहास समाहित है। साथ ही प्रशिक्षण की गुणवत्ता पर भी फोकस किया गया है। पुलिस अकादमी की डीआइजी पूनम श्रीवास्तव, एसपी ख्याति गर्ग व पीके तिवारी के अलावा डिप्टी एसपी एसपी मलिक, आरआई महिपाल सिंह व शौलत रजा मौजूद रहे।