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श्री गणेश चौथ मेला के संस्थापक डाॅ. गिरिराज किशोर की मौत, अंत‍िम दर्शन के ल‍िए आवास पर उमड़े लोग

श्री गणेश मेला के संस्थापक डा.गिरिराज की तबीयत खराब होने पर उन्हें मुरादाबाद के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मंगलवार की देर रात उन्होंने अंतिम सांस ली। वह 89 वर्ष के थे। उनके निधन की सूचना मिलते ही शहर में शोक की लहर दौड़ गई।

By Narendra KumarEdited By: Published: Wed, 22 Dec 2021 11:48 AM (IST)Updated: Wed, 22 Dec 2021 11:48 AM (IST)
श्री गणेश चौथ मेला के संस्थापक डाॅ. गिरिराज किशोर की मौत, अंत‍िम दर्शन के ल‍िए आवास पर उमड़े लोग
उनके निधन की खबर से पूरा शहर शोक में डूब गया।

मुरादाबाद, संवाद सहयोगी। सम्‍भल के चन्‍दौसी न‍िवासी श्री गणेश मेला के संस्थापक व चिकित्सा जगत के शिरोमणि डा. गिरिराज किशोर का मंगलवार की देर रात बीमारी के चलते मुरादाबाद के निजी अस्पताल में निधन हो गया। उनके निधन की खबर से पूरा शहर शोक में डूब गया। उनके घर पर सुबह से ही सांत्वना देने वालों का तांता लग गया।

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श्री गणेश मेला के संस्थापक डा.गिरिराज की तबीयत खराब होने पर उन्हें मुरादाबाद के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मंगलवार की देर रात उन्होंने अंतिम सांस ली। वह 89 वर्ष के थे। उनके निधन की सूचना मिलते ही शहर में शोक की लहर दौड़ गई। सुबह से ही उनके घर पर सांत्वना देने वालों का तांता लगना शुरू हो गया। उनके बेटे मनोज कुमार मीनू ने बताया कि दो दिन पहले उनको हृदयाघात हुआ था। मुरादाबाद के एक निजी अस्पताल में बेहतर उपचार के लिए भर्ती कराया, जहां उनका इलाज चल रहा था । उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन करने के लिए नगर के सीता रोड स्थित उनके आवास पर रखा गया, जहां लोगों का तांता लग गया। 1956 में लखनऊ केजीएमसी से एमबीबीए की पढ़ाई करके आए थे और तभी से चन्दौसी में चिकित्सा कर रहे थे। साथ ही प्रदेश भर में सुप्रसिद्ध श्री गणेश चौथ मेला के संस्थापक थे।

गंगा की धारा को पुराने स्थान पर प्रवाहित करने को सौंपा ज्ञापन : सम्‍भल के गुन्‍नौर तहसील क्षेत्र में गंगा घाट पर गंगा की धारा को पुराने स्थान पर प्रवाहित करने की मांग को लेकर जनक्रांति एकता मंच के बैनर तले पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा। गुन्नौर तहसील क्षेत्र में गंगा घाट राजघाट पर गंगा की धारा जलस्तर कम होने के कारण आगे की ओर बढ़ गई है, जिससे राज घाट पर गंगा स्नान करने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जनक्रांति एकता मंच के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने मंच के बैनर तले मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन एसडीएम रामकेश सिंह को सौंपा, जिसमें गंगा की धारा को पुराने स्थान पर प्रवाहित कराने की मांग की गई है।


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