Fireworks Time Frame : रात्रि 10 बजे से सुबह छह बजे तक नहीं जला सकेंगे पटाखे, इन बातों का रखें ध्यान
Fireworks Time Frame अभी आयुध विभाग के प्रभारी अधिकारी की ओर से पटाखे जलाने को लेकर निर्देश जारी किए गए हैं। इसके तहत 125 डेसिबल से अधिक की ध्वनि वाले पटाखे का उत्पादन और बिक्री पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेगा। जिनके जलाने पर भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
मुरादाबाद, संवाद सहयोगी। Fireworks Time Frame : सम्भल में सुप्रीम कोर्ट की ओर से पटाखों पर प्रतिबंध को लेकर जारी की गई गाइडलाइन गंभीरता से लिया जा रहा है। प्रदेश सरकार के गृह विभाग की ओर से जारी दिशा निर्देशों के तहत अब जिले में अभी आयुध विभाग के प्रभारी अधिकारी की ओर से पटाखे जलाने को लेकर निर्देश जारी किए गए हैं। इसके तहत 125 डेसिबल से अधिक की ध्वनि वाले पटाखे का उत्पादन और बिक्री पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेगा। जिनके जलाने पर भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
दीपावली को लेकर जिला प्रशासन की ओर से विशेष निर्देश जारी किए गए हैं। इसमें कहा गया है कि केवल विश्वसनीय और लाइसेंस धारक विक्रेता से आतिशबाजी खरीदें। हमेशा वयस्क व्यक्ति की देखरेख में ही आतिशबाजी का प्रयोग किया जाए। सुरक्षा उपायों को भी अमल में लाया जाए। प्रारंभिक छुटपुट या किसी भी आग लगने की घटना को ध्यान में रखते हुए पहले से सावधानियां बरतें। पर्यावरण अनुकूल आतिशबाजी के प्रयोग की अनुमति होगी जबकि किसी भी आतिशबाजी का ध्वनि लेवल चार मीटर की दूरी पर जलाने से 125 डेसीबल से अधिक नहीं होना चाहिए। रात 10 बजे से सुबह छह बजे के बीच आतिशबाजी का प्रयोग प्रतिबंधित रहेगा। हाथ में पकड़ कर पटाखे न जलाएं। किसी भी आतिशबाजी को जलाने से लिए डिब्बे का प्रयोग न करें। बुझे हुए पटाखों को दोबारा से न जलाएं और उसे पानी में डालकर नष्ट कर दें। खुली इमारत के पास कभी भी आतिशबाजी न तो लगाएं।
क्या होते हैं ग्रीन पटाखे : पटाखे जिनसे प्रदूषण कम होता है और पर्यावरण के लिए बेहतर होते हैं उन्हें ग्रीन पटाखा कहा जाता है। जिन्हें तैयार करते समय ऐसे ही रसायन का प्रयोग किया जाता है जो प्रदूषण को बढ़ावा नहीं देते हैं। इन पटाखों में एल्युमीनियम, बेरियम, पोटेशियम, नाइट्रेट और कार्बन का प्रयोग नहीं होता है या फिर इनकी मात्रा बहुत ही कम होती है, जिनसे वायु प्रदूषण रोका जा सके।