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मुरादाबाद के कंप्यूटर ऑपरेटर का कारनामा, अधिकारी बनकर दो करोड़ की सरकारी जमीन कर दी आवंट‍ित

Moradabad Thakurdwara computer operator fraud कंप्यूटर आपरेटर के साथ ही लेखपाल और अन्य कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध है। इन सभी मामलों की जांच करके दस्तावेजों को सही करने के साथ ही आरोपितों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

By Narendra KumarEdited By: Published: Thu, 07 Oct 2021 05:11 PM (IST)Updated: Thu, 07 Oct 2021 05:40 PM (IST)
मुरादाबाद के कंप्यूटर ऑपरेटर का कारनामा, अधिकारी बनकर दो करोड़ की सरकारी जमीन कर दी आवंट‍ित
ठाकुरद्वारा तहसील में तैनात रहे कंप्यूटर आपरेटर ने किया खेल।

मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। Moradabad Thakurdwara computer operator fraud : ठाकुरद्वारा तहसील में तैनात कंप्यूटर ऑपरेटर ने दस्तावेजों में हेराफेरी करके दो करोड़ रुपये से अधिक की सरकारी जमीन के भू-स्वामी घोषित कर दिए हैं। इसके साथ ही आरोपित आपरेटर ने अनुसूचित जात‍ि वर्ग को पट्टे पर दी गई भूमि को बेचने के लिए दस्तावेजों में हेराफेरी करके खतौनी में किसी और का नाम दर्ज कर दिया। वहीं, उसी खतौनी को दिखाकर फर्जी खाताधारक ने बैंक से लाखों रुपये का लोन ले लिया। पीड़ित ने जब एसडीएम से शिकायत की तो पूरा मामला पकड़ में आया। एसडीएम ठाकुरद्वारा ने बताया कि नौ मामलों की जांच की जा रही है। जिसमें कंप्यूटर आपरेटर के साथ ही लेखपाल और अन्य कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध है। इन सभी मामलों की जांच करके दस्तावेजों को सही करने के साथ ही आरोपितों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

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ठाकुरद्वारा तहसील के बाकरपुर अटायन गांव निवासी नूर हसन ने बताया कि 512 गांटा संख्या की जमीन साल 2017 में उसके नाम पर दर्ज हुई थी। ठाकुरद्वारा तहसील में तैनात रहे कंप्यूटर आपरेटर रजनीश त्यागी ने उसकी खतौनी में खाताधारक का नाम बदलकर उसके गांव की निवासी महिला जरीन के नाम पर चढ़ा दिया। जबकि, जमीन आरक्षित श्रेणी में आती है। इस मामले की जानकारी होने के बाद एसडीएम ने पूरे मामले की जांच शुरू की। जांच में पता चला कि साल 2016 से 2019 तक लगभग नौ ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें तलाब, चारागाह, बंजर भूमि के साथ ही आरक्षित श्रेणी की भूमि का के कागजों में हेराफेरी कर मालिकाना हक बदल दिया गया।

पहले भी दर्ज हुआ है मुकदमा : नवंबर 2019 में भी कंप्यूटर आपरेटर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी, इसके बाद तत्कालीन एसडीएम ने 30 लोगों के खिलाफ ठाकुरद्वारा थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। इस दौरान ठाकुरद्वारा तहसील के ग्राम लालापुर पीपलसाना गांव में राजस्व विभाग की भूमि को हड़पने के लिए राजस्व रिकार्ड में गांव के लोगों के नाम दर्ज कर दिए गए थे। तत्कालीन एसडीएम ने लेखपाल, डाटा फीडिंग आपरेटर, ग्राम प्रधान समेत 30 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। इसके साथ ही कंप्यूटर आपरेटर की संविदा को समाप्त कर दिया गया था।

खतौनी में नाम दर्ज होते ही बैंक से लिया कर्ज : ठाकुरद्वारा के बाकरपुर अटायन गांव निवासी जरीन का नाम खतौनी में चढ़ते ही उसने ग्रामीण बैंक शाखा में जाकर कर्ज लेने के लिए आवेदन कर दिया। बैंक कर्मचारियों ने खतौनी में दर्ज नाम के आधार पर एक लाख पांच हजार रुपये का कर्ज भी फर्जी खतौनी धारक को दे दिया। इस मामले की जानकारी होने के बाद पीड़ित ने तहसील पहुंचकर पूरे मामले की जानकारी ली, इसके बाद एसडीएम को शिकायत पत्र देकर कार्रवाई की मांग की।

खतौनी में फर्जी खाताधारकों के नाम दर्ज करने के मामले की जांच की जा रही है। अभी तक नौ प्रकरण मेरे संज्ञान में आए हैं। इस मामले में आरोपित कंप्यूटर आपरेटर के खिलाफ पहले भी मुकदमा दर्ज कराया जा चुका है। इन मामलों की जांच करके दोबारा से मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।

परमानंद, उपजिलाधिकारी ठाकुरद्वारा


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