फूलों की खेती कर अपनी आय बढ़ा सकते हैं किसान, मुरादाबाद के डीएम ने किया जागरूक
जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने कहा कि फूलों का मानव जीवन से अटूट संबंध रहा हैं। जन्म से लेकर मृत्यु तक सभी संस्कारों तथा उत्सवों में फूलों की उल्लेखनीय भूमिका रहती है। किसी भी धर्म जाति वर्ग क्षेत्र विशेष के उत्सवों में फूलों की आवश्यकता होती है।
मुरादाबाद। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने कहा कि फूलों का मानव जीवन से अटूट संबंध रहा हैं। जन्म से लेकर मृत्यु तक सभी संस्कारों तथा उत्सवों में फूलों की उल्लेखनीय भूमिका रहती है। किसी भी धर्म, जाति, वर्ग, क्षेत्र विशेष के उत्सवों, विवाह व विभिन्न संस्कार, त्योहारों में फूलों की आवश्यकता होती है।
उन्होंने कहा कि एक समय था, जब फूलों की खेती करना तो दूर की बात, इसकी कल्पना तक नहीं की जा सकती थी। समय के बदलाव के साथ-साथ परिस्थितियां भी बदली और फूलों को अपनी आवश्यकताओं के अनुरूप मानव ने उगाना शुरू किया। प्रदेश में किसानों द्वारा फूलों की खेती की जा रही है और उससे उनकी आमदनी में बढ़ोतरी हो रही है। प्रदेश में खुले फूलों की खेती करने लिए गुलाब, गुलदाउदी, क्रोसेन्ड्रा, गेंदा, चमेली, रजनीगंधा, मोलिया, गैलारडिया, कमल, कनेर तथा चाइना ऐस्टर की खेती खुले वातावरण में की जाती हैं। इन फूलों के उत्पादन में देश का दर्जा विश्व में द्वितीय स्थान पर है। फूलों की खेती करने से किसानों की आमदनी बढ़ेगी।