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एक्सपायर प्लाज्मा से बनेंगी जीवन रक्षक दवाइयां, लॉकडाउन खत्म होने के बाद शुरू होगा काम Moradabad News

ब्लड बैैंक के फ्रीजर में नए ब्लड के तत्व रखने की जगह नहीं बची। कंपनी ने कहा लॉकडाउन समाप्त होने के बाद ले जाएंगे प्लाज्मा।

By Narendra KumarEdited By: Published: Fri, 08 May 2020 07:10 AM (IST)Updated: Fri, 08 May 2020 07:14 AM (IST)
एक्सपायर प्लाज्मा से बनेंगी जीवन रक्षक दवाइयां, लॉकडाउन खत्म होने के बाद शुरू होगा काम  Moradabad News
एक्सपायर प्लाज्मा से बनेंगी जीवन रक्षक दवाइयां, लॉकडाउन खत्म होने के बाद शुरू होगा काम Moradabad News

मुरादाबाद (प्रदीप चौरसिया)। देश भर में प्लाज्मा ब्लड बैैंक के फ्रीजर में क्वारंटाइन होकर रह गए हैं। अब लॉकडाउन खत्म होने के बाद ही एक्सपायर प्लाज्मा से जीवन रक्षक दवाइयां बना पाएंगी। मुरादाबाद जिला अस्पताल के ब्लड बैैंक के फ्रीजर में चार सौ लीटर प्लाज्मा रखा है। इसके चलते ब्लड से तत्वों को अलग करने का काम रुक गया है।

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तीन रोगियों की पूरी हो सकती है मांग

ब्लड की कमी को दूर करने के लिए सरकार ने खून में पाए जाने वाले तत्वों को अलग करने की व्यवस्था की है। इससे जिस रोगी को जिस तत्व की आवश्यकता हो, उसे वह दिया जा सकता है। इस प्रक्रिया के जरिये एक यूनिट ब्लड से तीन रोगियों की खून की मांग पूरा की जा सकती है। खून से प्लाज्मा निकाल कर एक साल तक सुरक्षित रखा जा सकता है। यह आग से जले हुए रोगी को दिया जाता है। खून से प्लेटलेट्स निकली जाती हैं, जिसे पांच दिन तक सुरक्षित रखा जा सकता है। यह डेंगू से पीडि़त व अन्य रोगियों को दिया जाता है। खून से पैक्ड रेड सेल्स (पीआरसी) निकाला जाता है, जिसकी लाइफ 45 दिन होती है। यह हीमोग्लोबिन व खून की कमी वाले रोगियों को दिया जाता है।

एक साल तक सुरक्षित रहता है प्लाज्मा

प्लेटलेट्स और पैक्ड रेड सेल्स की खपत तो हो जाती है, लेकिन प्लाज्मा की मांग कम होती है। प्लाज्मा एक साल तक सुरक्षित रहता है। इसके बाद रोगियों के लिए एक्सपायर हो जाता है, लेकिन इससे हीमोफीलिया प्रोटीन तैयार किया जाता है। केंद्र सरकार ने प्लाज्मा खरीदने के लिए और उसके निर्माण के लिए कुछ कंपनियां नामित की हैं। मुरादाबाद जिले में रिलायंस कंपनी को नामित किया है। यह कंपनी 16 सौ रुपये प्रतिलीटर की दर से एक्सपायर प्लाज्मा खरीदकर ले जाती है।

जिला अस्पताल के ब्लड बैैंक से चार जनवरी को कंपनी ने चार सौ लीटर प्लाज्मा खरीदकर ले गए थे। इसके बाद 27 मार्च को कंपनी की टीम को आना था और प्लाज्मा खरीदकर ले जाना था, लेकिन लॉकडाउन के चलते ऐसा नहीं हो पाया। इससे फ्रीजर में प्लाज्मा 45 दिन से अधिक समय से पड़ा हुआ है।

लॉकडाउन के कारण एक साल पुराने प्लाज्मा को कंपनी लेने नहीं आ रही है, पत्र भेजने पर कंपनी ने जवाब दिया है कि लॉकडाउन खत्म होने पर प्लाज्मा ले जाएगी। रोगी के आधार पर प्लेटलेट्स व पैक्ट रेड सेल्स तैयार किए जाते हैं।

ज्योत्सना पंत, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक, मुरादाबाद जिला अस्पताल


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